आदिवासी आक्रोश महारैली: 8 अक्टूबर को कुर्मी समाज की ST मांग के विरोध में उतरेगा आदिवासी समाज

Tribal Anger Maha Rally: On October 8, the tribal community will protest against the Kurmi community's ST demand.

Bokaro। राज्य भर के आदिवासी संगठनों ने कुर्मी समाज को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने की मांग के विरोध में 8 अक्टूबर को आदिवासी आक्रोश महारैली आयोजित करने का निर्णय लिया है। प्रेस वार्ता में आदिवासी नेताओं ने कहा कि यह आंदोलन उनके संवैधानिक हक, राजनीतिक प्रतिनिधित्व, आरक्षण, नौकरी और जमीन की सुरक्षा के लिए है।

आदिवासी नेताओं ने आरोप लगाया कि कुर्मी समाज ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश कर रहा है। ब्रिटिश शासनकाल के आदिवासी विद्रोहों जैसे चौहाड़, कोल और संथाल विद्रोह में रघुनाथ महतो, बोली महतो और चरकु महतो जैसे नायकों को आदिवासी इतिहास में शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। नेताओं ने इसे फर्जी इतिहास और सभ्यता गढ़ने का प्रयास करार दिया, जो मूल आदिवासी समुदायों के अधिकारों पर अतिक्रमण है।

प्रवक्ताओं ने कहा कि सभी ऐतिहासिक दस्तावेज, मानवशास्त्रीय अध्ययन, लुकुर कमेटी की रिपोर्ट और TRI के शोध कार्य स्पष्ट करते हैं कि कुर्मी जाति अनुसूचित जनजाति नहीं है। इसे आदिवासी पहचान और अधिकारों को कमजोर करने की साजिश बताया गया।

आदिवासी नेताओं ने संथाल, भूमिज, मुंडा, हो, उरांव, खड़िया, बेदया, करमाली, कोरबा, बिरहोर, कोड़ा, चेरो, भोक्ता, खेरवार सहित सभी 33 आदिवासी समूहों से एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि 8 अक्टूबर को महारैली में बुजुर्ग, महिलाएं, युवा, छात्र और बुद्धिजीवी बड़ी संख्या में शामिल होकर अपनी एकता और अस्तित्व की रक्षा का संदेश देंगे।

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