चतरा। जिला के सरकारी व संविदा कर्मी से जिला के उपायुक्त एवम वरीय पदाधिकारी परेशान है।मामला सरकारी नियमानुकूल आचरण से विरुद्ध का है।मजबूरन उपायुक्त को इस मामले पर संज्ञान लेना पड़ा है।

क्या है मामला

जिले के संविदा और नियमित कर्मी अपने ट्रांसफर-पोस्टिंग के लिए राजनीतिक पैरवी का सहारा ले रहे हैं. राजनेताओं की उंची पहुंच का दवाब जिले के वरीय अधिकारियों पर दिलवा रहे हैं ताकि उनका ट्रांसफर-पोस्टिंग मनमाफिक जगह पर हो सके. इनमें बड़ी संख्या शिक्षकों व समाहरणालय व प्रखंड के कर्मचारी शामिल हैं. इस बात का खुलासा चतरा जिला के उपायुक्त अबु इमरान के एक पत्र से हुआ है जो उन्होंने अपने अधीनस्थ उपविकास आयुक्त, अपर समाहर्ता, जिला शिक्षा पदाधिकारी व जिला शिक्षा अधीक्षक चतरा को लिखा है.

नियंत्री पदाधिकारी के माध्यम से ही अभ्यावेदन भेजने का है प्रावधान

सरकारी नियम के अनुसार किसी भी सरकारी सेवक, (संविदा कर्मी/नियमित) को अपनी समस्याओं के संबंध में अभ्यावेदन अपने नियंत्री पदाधिकारियों के माध्यम से सक्षम प्राधिकार को प्रस्तुत किया जाना है. इन आवेदनों पर ही प्राधिकार विचार करने पर अग्रतर कार्रवाई कर सकता है.

DC ने कहा

डीसी ने स्पष्ट कहा कि आपके अधीनस्थ पदस्थापित नियमित व संविदा कर्मियों के द्वारा अपने स्थानांतरण-पदस्थापन के संबंध में सरकारी नियमों का घोर उल्लंघन करते हुए राजनीतिक यथा अन्य बाहरी पैरवी करायी जा रही है. इसी प्रकार कुछेक कर्मियों द्वारा बिना उचित माध्यम के सीधे उच्चाधिकारियों से लिखित रूप से अभ्यावेदन प्रस्तुत कराया जा रहा है. डीसी ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया है. अधिकारियों को कहा है कि सरकारी प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले ऐसे सरकारी, संविदाकर्मियों को चिह्नित कर उनके विरूद्ध नियमानुसार कड़ी कार्रवाई करते हुए इसकी पूरी जानकारी उन्हें प्रतिवेदन के साथ दें.

क्या कहता है सरकारी सेवक आचार नियमावली

झारखंड सरकारी सेवक आचार नियमावली-2001 के नियम 22 के अनुसार कोई सरकारी सेवक सरकार के अधीन अपनी सेवा से संबंधित किसी विषयों के संबंध में अपने हित साधन के लिए किसी उच्चतर पदाधिकारी पर कोई राजनीतिक अथवा अन्य बाहरी प्रभाव नहीं डालेगा और न डालने की कोशिश करेगा. ऐसा करने वालों पर कड़ी कार्रवाई का प्रावधान है.

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