हाजीपुर: बिहार पुलिस की दबंगई सामने आयी है। चीन बोर्डर पर शहीद बेटे के लिए पिता ने स्मारक बनाया, तो पुलिस आपे से बाहर हो गयी और फिर आतंकियों की तरह सलूक करते हुए मारपीट करते हुए जेल भेज दिया। पिता की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने सरकारी जमीन पर शहीद बेटे की याद में स्मारक बना दिया था।

पुलिस रात के अंधेरे में शहीद के घर पहुंची। पिता को जबरन गाड़ी में बिठाकर थाने लेकर आई। मारपीट के बाद जेल भेज दिया। इसके बाद से हिंदू संगठनों ने पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शहीद की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। पूरा मामला वैशाली जिले के जंदाहा थाने की मुकुंदपुर भात पंचायत के चकफतह गांव का है। 23 जनवरी को पुलिस ने पड़ोसी की शिकायत पर शहीद जय किशोर के पिता के खिलाफ एससी/एसटी का मामला दर्ज किया था। एक महीने बाद 25 फरवरी को पुलिस रात 11 बजे उनके घर पहुंची और पिता को जबरदस्ती अपने साथ जंदाहा थाने ले गई।

परिजन का कहना है कि शहीद के घर के पास ही सरकारी जमीन है, जिस वक्त शहीद जय किशोर सिंह का शव उसके घर आया था। उस वक्त बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी से लेकर कई बड़े केंद्र और राज्य के नेता शहीद के परिवार से मिलने आए थे। उस वक्त शहीद जवान की याद में कई तरह की घोषणाएं की थीं। उसी घोषणा की कड़ी है यह शहीद का स्मारक।

शहीद जय किशोर सिंह के बड़े भाई नंद किशोर सिंह ने बताया कि महुआ एसडीपीओ पूनम केसरी ने स्मारक को 15 दिनों के अंदर हटाने के निर्देश दिए थे। 25 फरवरी की रात थानाध्यक्ष उनके पिता को थाने ले गए, जहां उनके साथ गाली-गलौज और मारपीट की गई।

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