नक्सलियों की बड़ी हार! 208 माओवादी डालेंगे हथियार, जानिए कैसे बदलेगा सियासी समीकरण और क्या है इसके पीछे की कहानी

Naxalites suffer a major defeat! 208 Maoists surrender. Learn how Chhattisgarh's political landscape will change and the story behind it.

देश के इतिहास में नक्सलियों का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण होने जा रहा है. छत्तीसगढ़ के दंडकारण्य में 208 माओवादी आत्मसमर्पम करेंगे जिनमें 110 महिलायें हैं और 98 पुरुष नक्सली हैं. इनमें 1 केंद्रीय समिति सदस्य, 4 दंडकारण्य विशेष क्षेत्रीय समिति सदस्य, 1 क्षेत्रीय समिति सदस्य, 21 संभागीय समिति सदस्य, 61 क्षेत्रीय समिति सदस्य, 98 पार्टी सदस्य सहित 22 पीएलजीए सदस्य शामिल हैं.

इन सभी नक्सलियों को फिलहाल जगलपुर में रखा गया है. गौरतलब है कि देश में नक्सलवाद के इतिहास में यह संख्या के लिहाज से माओवादियों का सबसे बड़ा आत्मसमर्पण है. खबरें हैं कि गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में 208 माओवादी हथियार डालेंगे.

 

ऑपरेशन कगार से बौखलाये माओवादी
दरअसल, 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद के उन्मूलन के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने ऑपरेशन कगार शुरू किया है. झारखंड सहित अन्य नक्सल प्रभावित राज्यों में माओवादियों की ओर से इसका छिटपुट विरोध भी किया गया. कुछ दिनों पहले माओवादियों ने केंद्र सरकार को सीजफायर और वार्ता का प्रस्ताव दिया था जिसे गृहमंत्री अमित शाह ने ठुकरा दिया. गृहमंत्री ने साफ किया है कि नक्सली हथियार डालें तो जवान गोली नहीं चलाएंगे. सीजफायर या वार्ता की गुंजाइश नहीं है.

गृहमंत्री का मानना है कि लाल आतंक की वजह से वर्षों तक आदिवासी इलाकों में विकास नहीं पहुंच पाया. आदिवासी, सड़क, बिजली, पेयजल, स्वास्थ्य और आवास जैसी सुविधाओं से वंचित रहे. सरकार का मानना है कि माओवाद का खात्मा किए बिना विकास संभव नहीं है.

झारखंड में सारंडा तक सिमटा माओवाद
गौरतलब है कि पिछले कुछ महीनों में सुरक्षाबल के जवानों ने कई बड़े माओवादी लीडर्स को मार गिराया है. दर्जनों माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया और कइयों को गिरफ्तार कर लिया गया. झारखंड के भी 24 में से 22 जिले कभी नक्सल प्रभावित थे.

करीब 2 साल पहले सुरक्षाबलों ने झारखंड और छत्तीसगढ़ बॉर्डर पर गढ़वा जिला स्थित बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से मुक्त करा लिया. हेमंत सोरेन बूढ़ा पहाड़ तक जाने वाले पहले मुख्यमंत्री बने थे. झारखंड में भी माओवादी सारंडा के जंगल तक सिमट गया है.

Related Articles