झारखंड में मानसून से धान की रोपनी का रिकॉर्ड, किसानों की खुशहाली
Record paddy plantation due to monsoon in Jharkhand, happiness of farmers

झारखंड में धान की रोपनी ने तोड़ा चार साल का रिकॉर्ड
रांची। इस साल मानसून ने झारखंड के किसानों का पूरा साथ दिया है। कृषि विभाग के अनुसार अनुकूल वर्षा के कारण राज्य में धान की रोपनी पिछले चार साल का रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। अब तक 16 लाख हेक्टेयर से अधिक खेतों में धान की रोपनी पूरी हो चुकी है, जो सरकार द्वारा निर्धारित 17.88 लाख हेक्टेयर लक्ष्य का लगभग 89 प्रतिशत है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी रिपोर्ट आने तक यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
जिलावार रोपनी का प्रदर्शन
सबसे बेहतरीन प्रदर्शन रामगढ़ जिले में दर्ज किया गया है, जहां 33 हजार हेक्टेयर के लक्ष्य के मुकाबले 34,481 हेक्टेयर में रोपनी हुई, यानी 104.49 प्रतिशत। इसके अलावा दक्षिण छोटानागपुर, कोल्हान और संथाल परगना प्रमंडल में भी अच्छी प्रगति हुई है।
अन्य जिलों में रोपनी का हाल इस प्रकार है:
रांची: 79.18%
खूंटी: 87.10%
चतरा: 96.18%
गुमला: 87.98%
कोडरमा: 92.46%
गिरिडीह: 94.06%
हजारीबाग: 98.72%
जामताड़ा: 91.95%
धनबाद, पश्चिम सिंहभूम और सरायकेला जैसे जिलों में रोपनी का प्रतिशत 70% से कम रहा।
पिछले वर्षों की तुलना
2022-23: 47.50%
2023-24: 65.75%
2024-25: 88.68%
2025-26 (अब तक): 89.90%
इस आंकड़े से साफ है कि इस साल किसानों का प्रदर्शन लगातार बेहतर हो रहा है।
बेहतर उत्पादन की संभावना
कृषि निदेशक भोर सिंह यादव के अनुसार, इस बार हुई अच्छी बारिश से रोपनी का क्षेत्रफल बढ़ा है। उनका कहना है कि इस साल धान उत्पादन पिछले वर्ष से कहीं बेहतर होने की उम्मीद है, जिससे किसानों की आय में सुधार और राज्य की कृषि स्थिति मजबूत होगी।