Helicopter Accidents: चारधाम में लगातार हेलीकॉप्टर हादसे, आखिर कौन है जिम्मेदार? सामने आईं चौंकाने वाली वजहें

देहरादून, 18 जून 2025 — उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान लगातार हो रही हेलीकॉप्टर दुर्घटनाओं ने प्रशासन, पायलटों और श्रद्धालुओं को गहरी चिंता में डाल दिया है। बीते डेढ़ महीने में यह पांचवां हादसा है, जिसमें केदारनाथ से लौटते समय आर्यन एविएशन का एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया और उसमें सवार सभी 7 लोगों की मौत हो गई। सवाल अब ये उठ रहा है कि इन हादसों के लिए जिम्मेदार कौन है? और आखिर क्यों बार-बार हो रही हैं ये दुर्घटनाएं?

Helicopter Accidents: पायलटों ने बताईं कई बड़ी वजहें

चारधाम क्षेत्र में वर्षों से उड़ान भर चुके अनुभवी पायलटों का मानना है कि इन हादसों के पीछे कई कारण हैं —

  • अनिश्चित और अस्थिर मौसम,

  • पर्याप्त क्षेत्र-विशेष प्रशिक्षण की कमी,

  • हवाई बुनियादी ढांचे की कमी,

  • सेंट्रल मॉनिटरिंग सिस्टम का अभाव,

  • और कमर्शियल दबाव

एक वरिष्ठ पायलट ने बताया कि केदारनाथ जैसे ऊंचाई और संकरी घाटियों वाले क्षेत्र में उड़ान भरना बेहद चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यहां SOP (मानक संचालन प्रक्रिया) और DGCA के मानक इस कठिनाई के अनुरूप नहीं हैं।

Helicopter Accidents: पायलट राजवीर सिंह चौहान का उदाहरण

रविवार को दुर्घटनाग्रस्त हुए हेलीकॉप्टर के पायलट राजवीर सिंह चौहान एक पूर्व सैन्य अधिकारी और अनुभवी एविएटर थे, लेकिन चारधाम मार्ग पर उड़ान उनके लिए नया था। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे खतरनाक मार्ग पर उड़ान भरने से पहले हर पायलट को कम से कम 50 घंटे का क्षेत्र-विशेष उड़ान प्रशिक्षण मिलना चाहिए।

Helicopter Accidents: हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों पर व्यावसायिक दबाव

कई पायलटों ने बताया कि निजी हेलीकॉप्टर कंपनियों में पायलटों पर लगातार उड़ान भरने का दबाव रहता है, जिससे थकावट और ध्यान में कमी जैसे जोखिम बढ़ जाते हैं। सुरक्षा के बजाय व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता देना एक गंभीर चिंता का विषय है।

Helicopter Accidents: बुनियादी ढांचे और हेलीपैड की समस्या

केदारनाथ में मौजूद दो हेलीपैड में से एक VIP मूवमेंट के लिए आरक्षित है, जिससे एक हेलीपैड पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। पायलटों ने सुझाव दिया है कि गुप्तकाशी में सहस्रधारा की तर्ज पर एक बड़ा हेलीपैड विकसित किया जाए और सभी चारधाम स्थलों पर स्वचालित मौसम केंद्र स्थापित किए जाएं।

Helicopter Accidents: DGCA की सख्त कार्रवाई

दुर्घटनाओं के बढ़ते मामलों को देखते हुए नागर विमानन मंत्रालय ने कार्रवाई करते हुए आर्यन एविएशन की सेवाएं फिलहाल के लिए बंद कर दी हैं। साथ ही, ट्रांसभारत एविएशन के दो पायलटों के लाइसेंस 6 महीने के लिए निलंबित किए गए हैं। केदारनाथ घाटी में हेलीकॉप्टर गतिविधियों की सक्रिय निगरानी के लिए DGCA अधिकारियों की भी तैनाती की जा रही है।

समाधान क्या?

  • हेली कंपनियों की संख्या सीमित की जाए

  • हेली टिकट के दाम बढ़ाकर भीड़ कम की जाए

  • नियमों का उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई हो

  • सूर्योदय के आधे घंटे बाद और सूर्यास्त के आधे घंटे पहले तक ही उड़ानों की अनुमति मिले

पायलटों का स्पष्ट मानना है कि हादसों को रोकना संभव है, लेकिन इसके लिए नीति-निर्माताओं, हेली ऑपरेटरों और पायलटों को मिलकर काम करना होगा। जब तक सुरक्षा को प्राथमिकता नहीं दी जाती, तब तक श्रद्धालुओं की जान पर मंडराता यह खतरा बना रहेगा।

“यह प्रकृति का क्षेत्र है, जहां चिड़िया भी मौसम देखकर उड़ती है, हमें भी उससे सीख लेनी चाहिए,” — एक अनुभवी पायलट की दो टूक बात।

Related Articles