कटनी। चुनाव ड्यूटी से बचने के लिए बहाना बनाने वालों की अब नौकरी जायेगी। डीईओ ने इस मामले में राज्य सरकार को अनिवार्य सेवानिवृति की सिफारिश भेज दी है। मामला मध्यप्रदेश के कटनी का है, जहां हाल ही में विधानसभा चुनाव हुआ है। जिन अधिकारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति के लिए अनुशंसित किया गया है, उनमें हाईस्कूल, मीडिल स्कूल और प्राइमरी स्कूल के शिक्षक हैं।

दरअसल चुनाव ड्यूटी में रियायत के लिए कई शिक्षकों ने मेडिकल बोर्ड से शारीरिक अक्षमता का प्रमाण पत्र दिया था। जिला उपायुक्त सह निर्वाचन अधिकारी को सौंपे गये इस मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर उस वकत तो सभी को राहत मिल गयी, लेकिन अब वही सर्टिफिकेट उनकी बर्खास्तगी का जरिया बन गया है। उपायुक्त के निर्देश के बाद अब जिला शिक्षा अधिकारी 6 शिक्षकों समेत 7 कर्मचारियों के खिलाफ अनिवार्य सेवानिवृति की सिफारिस राज्य सरकार को भेज दी है।

डीईओ के प्रस्ताव तैयार करने के बाद बीईओ को नंदूलाल चौधरी हाईस्कूल टीचर, नागेंद्र कुमार मिश्रा मीडिल स्कूल टीचर, विशाली राम कोल सहायक शिक्षक, नारायण सिंह मरावी सहायक शिक्षक, भागसिंह गोड प्राथमिक शिक्षक, एएस चौहान हाईस्कूल टीचर और दुर्गा प्रसाद वर्मन भृत्य के खिलाफ तीन साल में उनके द्वारा किये गये कार्य का विवरण, अनिवार्य सेवानिवृत्ति का प्रस्ताव बीईओ की अनुशंसा के साथ मंगाया है। ये तमाम प्रक्रिया के लिए 5 दिन का वक्त दिया गया है।

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