रांची: राज्य के 61,141 पारा शिक्षकों को सहायक अध्यापक में बदले के बाद तमाम सुविधाएं देने के लिए उनके सर्टिफिकेट की जांच की जा रही है। इस सर्टिफिकेट जांच के क्रम में फर्जी शिक्षकों की बड़ी संख्या सामने आ रही है। कई पारा शिक्षक तो ऐसे भी पाए गए हैं, जिनपर हत्या जैसे संगीन आरोप लगे हुए हैं। वहीं कईयों पर क्रिमिनल केस लगे हैं। इन सब पर त्वरित कार्रवाई की जा रही है। विभागीय आंकड़े के मुताबिक अब तक 56,837 पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट की जांच हो चुकी है। 4834 शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की जांच चल रही है।

पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के दौरान ही आकलन परीक्षा के लिए आवेदन लिया गया। विभाग ने कहा है कि वैसे पारा शिक्षक जिनके आवेदन जमा हो चुके हैं। पर सर्टिफिकेट वेरिफिकेशन के दौरान गड़बड़ी पायी गयी तो आंकलन परीक्षा से उनका नाम हटा दिया जाएगा। वहीं विभागीय सचिव ने जिलों से कहा है कि जिन पारा शिक्षकों के सर्टिफिकेट फर्जी पाए गए हैं, उन्हें अब तक नहीं हटाया जा सका है। इस पर त्वरित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।

किस जिले में कितने फर्जी गुरुजी मिले

झारखंड में सबसे ज्यादा गिरिडीह में 60 पारा शिक्षक गलत प्रमाणपत्रों में बहाल पाए गये। वहीं, कोडरमा में 51, रांची में 26, रामगढ़, हजारीबाग में 20-20, साहिबगंज में 18, देवघर – पाकुड़ में 17-17, बोकारो में 14, पूर्वी सिंहभूम में 13, गढ़वा-लोहरदगा में 11-11, सरायकेला खरसावां में 10 पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट पर बहाल हैं। इसके अलावा लातेहार मे नौ, पलामू मे आठ, धनबाद में सात, चतरा- खूंटी में छह-छह, दुमका- गुमला – पश्चिमी सिंहभूम में चार-चार पारा शिक्षक गलत सर्टिफिकेट में काम करते पाए गए हैं।

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