हाजीपुर: ट्रेन और रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुरक्षा में लगी रेल पुलिस की एक नयी करतूत सामने आयी है. पकड़े गये कुख्यात अपराधी को छोड़ने के लिए रेल पुलिस ने 15,000 रुपये ऑनलाइन रिश्वत ली. इसकी शिकायत किसी ने गोपनीय तरीके से अपर पुलिस महानिदेशक (रेलवे) को कर दी. इसके बाद अपर पुलिस महानिदेशक ने इसकी गहराई से जांच- पड़ताल शुरू करायी. रेल एसपी मुजफ्फरपुर के आदेश पर मुख्यालय डीएसपी अतनु दत्ता ने जांच शुरू की, तो परत दर – परत मामले की पूरी सच्चाई सामने आने लगी. इस संबंध में रेल एसपी मुजफ्फरपुर ने प्रेस रिलीज जारी कर मीडिया को जानकारी दी है।

इस मामले जांच में लगभग पांच महीने का समय लगा. इसके बाद मामले में दोषी मानते हुए सोमवार को एसपी डॉ कुमार आशीष ने हाजीपुर रेलवे पुलिस पोस्ट के प्रभारी जयसिंह तियु, जमादार मो. मुस्तकीम और सिपाही कमलेश पासवान को निलंबित कर दिया है. साथ ही तीनों से स्पष्टीकरण की मांग करते हुए सभी के खिलाफ विभागीय कार्रवाई भी शुरू कर दी गयी है. एसपी ने बताया कि कठोर से कठोर सजा दी जायेगी. इसके लिए वैज्ञानिक तरीके से हुई जांच में पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है।

बताया गया कि रिश्वत लेने की यह घटना 21 फरवरी 2023 की ही है. सोनपुर के गिरफ्तार कुख्यात अपराधी बनरा को छोड़ने के लिए जमादार और सिपाही ने ऑनलाइन डिजिटल वॉलेट के माध्यम से 15 हजार रुपये रिश्वत लिये थे. इसके बाद बनरा अपने संदिग्ध मोबाइल नंबर से लगातार थानाध्यक्ष जयसिंह तियू से बात करते रहा. जयसिंह तितु अपने निजी नंबर से लगातार कुख्यात बनरा से घंटों-घंटों बातचीत करते थे. इस दौरान केस के आइओ मो. मुस्ककीम एवं मुंशी से रुपये का लेन देन करवाया. इस दौरन पैसे के लेनदेन के लिए कई तरह के हथकंडे अपनाए गए।

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