रायपुर। नियमितिकरण की मांग कर रहे संविदाकर्मियों को राज्य सरकार ने बर्खास्त करना शुरू कर दिया है। पिछले दिनों एस्मा का आदेश जारी होने के बाद राज्य सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर काम कर रहे 211 स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त कर दिया गया। इससे पहले एस्मा लगाकर राज्य सरकार ने तीन दिन का अल्टीमेटम हड़तालियों को दिया था, लेकिन नियमितिकरण की मांग कर रहे स्वास्थ्य कर्मी हड़ताल से नहीं लौटे, जिसके बाद अब एक्शन शुरू हो गया है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर से एक साथ 211 स्वास्थ्यकर्मियों को बर्खास्त किया गया है।

इधर हड़ताली स्वास्थ्यकर्मियों का कहना है कि जब तक सरकार नियमितिकरण को लेकर ठोस निर्णय नहीं लेती तब तक हड़ताल जारी रहेगा।नेशनल हेल्थ मिशन के कर्मचारियों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया गया है। कलेक्टर राजेन्द्र काटारा ने ये आदेश जारी किया है, संविदाकर्मी नियमतीकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से हड़ताल पर हैं।इस कार्रवाई का संविदा कर्मियों के संगठन ने विरोध किया है। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष कौशलेश तिवारी ने कहा, कांग्रेस और खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि, नियमितिकरण की मांग पूरा करेंगे। हम संवाद करना चाहते थे। संवाद न होने की वजह से लगातार हमारा आंदोलन जारी रहा।

संवाद के स्थान पर अब सामूहिक बर्खास्त कर दिया गया। हम ये कहते हैं कि लोकतंत्र में संवाद की जगह होती है। दमन पूर्ण कार्रवाई का स्थान नहीं है। आंदोलन को हम जारी रखेंगे। सरकार ने जो कार्रवाई की इससे यही संदेश जाता है कि नियमितीकरण पर सरकार का अब भी लचीला रवैया है।नवा रायपुर में नियमितिकरण की मांग को लेकर पिछले 28 दिनों से संविदा कर्मचारियों का आंदोलन जारी है।

इन सभी ने सरकारी दफ्तरों में कामकाज बंद कर हड़ताल शुरू कर दी है। संविदा कर्मचारियों की प्रदेश में संख्या 45 हजार है। इन सभी कर्मचारियों पर सरकार ने कार्रवाई का ऐलान किया था।पिछले सप्ताह सरकार की ओर से संविदा कर्मचारियों के संबंध में एक आदेश जारी किया गया था। जिसमें लिखा गया था कि 3 दिन के भीतर अगर हड़ताल पर गए संविदा कर्मचारी और अधिकारी काम पर नहीं लौटे तो उनके खिलाफ एस्मा के तहत कार्रवाई होगी।

2018 में चुनाव पूर्व जनघोषणा पत्र में आश्वासन मिला, सरकार आने के बाद भी 2019 में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा आश्वासन दिया गया। जब भी संविदा कर्मचारी कांग्रेस नेताओं से मिले उन्हें मात्र आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। कार्यकारी अध्यक्ष अशोक कुर्रे ने बताया कि 2022 के मनरेगा कर्मचारी 76 दिनों के हड़ताल को भी मात्र आश्वासन देकर तोड़वा दिया गया। आजपर्यंत तक उन वादों पर अमल नहीं किया गया।

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