झारखंड : दिव्यांगता के झूठे प्रमाण पत्र से तबादला…16 शिक्षक निकले पूरी तरह स्वस्थ

Jharkhand: Transfer on the basis of fake disability certificate...16 teachers turned out to be completely healthy

जमशेदपुर से एक बड़ा शिक्षा विभागीय फर्जीवाड़ा सामने आया है। पूर्वी सिंहभूम में पदस्थापित करीब 20 शिक्षकों ने अपने गृह जिले में तबादले के लिए झूठे दिव्यांग प्रमाण पत्र प्रस्तुत किए थे। इन शिक्षकों ने जामताड़ा जिले के स्वास्थ्य विभाग से 40 से 45 प्रतिशत दिव्यांगता दिखाते हुए प्रमाण पत्र बनवाए। मगर जब जमशेदपुर सदर अस्पताल के मेडिकल बोर्ड ने जांच की, तो चौंकाने वाला सच सामने आया—इनमें से 16 शिक्षक पूरी तरह स्वस्थ निकले।

जिला शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन आवेदन की जांच के बाद सभी शिक्षकों को मेडिकल बोर्ड के सामने पेश होने का निर्देश दिया था। ENT और नेत्र विशेषज्ञों द्वारा की गई जांच में पाया गया कि उनके दिव्यांगता के दावे पूरी तरह झूठे थे।

तीन अन्य शिक्षकों की दिव्यांगता 20 से 25 प्रतिशत के बीच पाई गई, जो तबादले के लिए तय न्यूनतम सीमा से कम है। दो मामलों में दावा किया गया था कि शिक्षकों को 50% दृष्टि दोष है, लेकिन जांच में वे भी सामान्य पाए गए।

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जिला स्वास्थ्य विभाग ने एक विस्तृत रिपोर्ट बनाकर शिक्षा विभाग को सौंप दी है। अब इस आधार पर यह तय होगा कि इन शिक्षकों का तबादला रद्द किया जाएगा या विभागीय कार्रवाई होगी।

सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल ने स्पष्ट किया कि केवल प्रमाण पत्र के आधार पर दिव्यांगता को मान्यता नहीं दी जा सकती। विशेषज्ञों की जांच ही अंतिम प्रमाण मानी जाती है।

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