नयी दिल्ली। 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षा से जुड़ी एक बड़ी अपडेट है। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने एक इंटरव्यू में बताया है कि साल में दो बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में शामिल होना जरूरी नहीं होगा। उन्होंने बोला कि यह पूरी तरह से हर स्टूडेंट्स के लिए ऑप्शनल होगा और इसका मुख्य कारण डर से होने वाले बच्चों के तनाव को काम करना है।

इससे पहले शिक्षा मंत्रालय ने कहा था कि दो बोर्ड परीक्षा प्रणाली फिर से शुरू होने जा रही है। छात्रों को “समय और अवसर” दोनों देने के लिए अंतिम परीक्षा साल में दो बार आयोजित की जाएगी। इसमें कहा गया था कि जब वे तैयार महसूस करें तो वे इसे दे सकते हैं। स्कूली शिक्षा के लिए नेशनल करिकुलम फ्रेमवर्क 2023 में NCERT ने कहा कि यह एक “व्यापक परीक्षण आइटम बैंक” बनाकर संभव बनाया जाएगा, जिसका उपयोग उपयुक्त सॉफ्टवेयर का उपयोग करके टेस्टिंग बनाने के लिए किया जा सकता है।

शिक्षा मंत्री प्रधान ने कहा, ‘केंद्रीय शिक्षा सलाहकार बोर्ड (CABE) का पुनर्गठन किया जा रहा है. ऐसा इसलिए क्योंकि इसका पुराना वर्शन बहुत बड़ा और व्यापक है और आज की शिक्षा की मांगे बहुत अलग हैं. उन्होंने बोला कि ऐसे समय में जब हम एनईपी के साथ एक आदर्श बदलाव कर रहे हैं, तो सीएबीई को भी फिर से तैयारी करने की जरूरत है.’

इसमें कहा गया है कि यह निकट भविष्य में NEP में कल्पना की गई ऑन डिमांड परीक्षाओं की प्रणाली की ओर बढ़ने में सक्षम होगा. बोर्डों की वर्तमान प्रणाली पर NCF का कहना है कि एक वर्ष में एक परीक्षा के साथ छात्रों को तैयार होने पर इसे लेने का मौका नहीं मिलता है, या पहला अवसर चूक जाने पर इसे पास करने का दूसरा मौका नहीं मिलता है. बोर्ड परीक्षाओं की वर्तमान चुनौतियों के बारे में NCF ने कहा था कि यह केवल “छात्रों द्वारा सीखे गए तथ्यों को पुन: पेश करने की क्षमता” पर ध्यान केंद्रित करता है, जो कि परीक्षाओं के लिए नहीं है।

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