पटना: तमिलनाडु में बिहारी श्रमिकों पर हमले का फर्जी वीडियो प्रसारित करने के मामले में गिरफ्तार यूट्यूबर मनीष कश्यप को बिहार पुलिस रिमांड पर लेगी। मामले की जांच कर रही आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने कोर्ट में रिमांड की अर्जी दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, सात दिनों की रिमांड मांगी गई है। उम्मीद है कि मंगलवार को कोर्ट मनीष कश्यप को पांच से सात दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंप सकती है। इसके बाद पुलिस मनीष कश्यप से पूरे मामले में विस्तार से पूछताछ करेगी।

यूट्यूबर मनीष कश्यप पर तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो बनाने और उसे पोस्ट करने का आरोप है. उसके खिलाफ पटना में जहां आर्थिक अपराध इकाई ने केस दर्ज किया था. वहीं, तमिलनाडु में भी वहां की स्थानीय पुलिस ने कई गंभीर धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की थी. मनीष के सरेंडर करने के बाद तमिलनाडु की पुलिस भी पटना आकर उससे पूछताछ करेगी।

सूत्र बताते हैं कि आर्थिक अपराध इकाई की पूछताछ में मनीष ने कई अहम खुलासे किए हैं। उसने बताया कि वह कई बड़े राजनेताओं के संपर्क में था। उन्हीं सफेदपोशों की मदद से वह लगातार ठिकाना बदल रहा था। बीजेपी और जेडीयू के नेताओं से मदद मिलने की बात उसने स्वीकारी है. साथ ही उसने माना है कि तमिलनाडु मामले में उससे गलती हुई। इस बीच उसका एक वीडियो भी सामने आया था, जिसमें वह फफक-फफक कर रोता दिख रहा था।

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