पूतलपट्टू. आंध्र प्रदेश में एक सरकारी अधिकारी ने समय पर हस्तक्षेप कर चार बच्चों की 50 वर्षीय मां को उस समय बचा लिया, जब वह स्वयं के पतिव्रता होने की बात साबित करने के लिए उबलते तेल में हाथ डालने वाली थी. यह घटना चित्तूर जिले के पूतलपट्टू मंडल के थेनेपल्ले के पास थातिथोपु गांव में एक आदिवासी समुदाय में हुआ।
अधिकारी ने बताया कि प्रथा के अनुसार, ‘पतिव्रता होने की परीक्षा’ के लिए पांच लीटर तेल को खौलाकर फूलों से सजे मिट्टी के बर्तन में डाला जाता है और गांव के लोग इसे देखने के लिए एकत्र होते हैं.
महिला के 57 वर्षीय पति को अपनी पत्नी के चरित्र पर पिछले काफी समय से संदेह था. अधिकारी ने बताया कि महिला के पति ने उसे कई बार कथित रूप से पीटा भी था.
अधिकारी ने बताया कि यदि महिला के हाथ नहीं जले, तो यह माना जाता है कि वह पतिव्रता है, लेकिन यदि उसके हाथ जल गए, तो उसके ‘बेवफा’ मान लिया जाता है. महिला चार बच्चों की मां है और वह स्वयं को पतिव्रता साबित करने के लिए परीक्षा देने पर सहमत हो गई.