अननेचुरल सेक्स से पत्नी की गयी जान, हाईकोर्ट ने कहा, ये अपराध नहीं, सहमति नहीं फिर भी रेप का आरोप नहीं लगा सकती, पति रिहा

Highcourt News: अनेचुरल सेक्स के दौरान महिला की मौत हो गयी थी। इस मामले में अब हाईकोर्ट ने आरोपी पति को ये कहकर रिहा कर दिया कि कानूनी रूप से यौन संबंधों के लिए पत्नी की सहमति जरूरी नहीं होती है।
जस्टिस नरेंद्र कुमार व्यास की बेंच ने 10 फरवरी को फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी की उम्र 15 साल से अधिक है। ऐसे में अगर, पत्नी के साथ पति अननेचुरल सेक्स करता है, तो वह बलात्कार नहीं माना जा सकता है। हाईकोर्ट के इस आदेश के बाद आरोपी दुष्कर्म, अप्राकृतिक और गैर-इरादतन हत्या के मामले बरी हो गया।
इस मामले में अदालत ने पिछले साल 19 नवंबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था और सोमवार (10 फरवरी) को फैसला सुनाया. हाई कोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार बस्तर (जगदलपुर) के निवासी याचिकाकर्ता पति ने अपनी पत्नी के साथ 11 दिसंबर 2017 की रात को उसकी सहमति के बगैर अप्राकृतिक संबंध बनाए थे।
निचली अदालत ने आरोपी को 10 साल की सजा सुनाई थी। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी को तत्काल जेल से रिहा किया जाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि IPC की धारा 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) पति-पत्नी के बीच लागू नहीं होती, क्योंकि धारा 375 में किए गए संशोधन के बाद पति-पत्नी के बीच सहमति की जरूरत नहीं है.
क्या है पूरा मामला…
यह मामला 11 दिसंबर 2017 का है। महिला के साथ उसके पति ने जबरदस्ती अननेचुरल सेक्स किया था। उसके बाद पीड़िता की तबीयत काफी बिगड़ गई थी। उसको तुरंत ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई थी। मरने से पहले पीड़िता ने पति के खिलाफ आरोप लगाए थे।
पीड़िता ने मरने से बयान दिया था कि पति ने उसके साथ यौन संबंध बनाते हुए जबरदस्ती की थी, जिससे उसकी तबीयत काफी बिगड़ गई थी। इस बयान के आधार पर पुलिस ने आरोपी पति पर आइपीसी की धारा 376 (बलात्कार), 377 (अप्राकृतिक यौन संबंध) और 304 (गैरइरादतन हत्या) के तहत केस दर्ज किया था।