Salasar Balaji: खाटू श्याम दर्शन के बाद सालासर बालाजी जाना क्यों है जरूरी? जानिए इससे जुड़ी धार्मिक मान्यता

Salasar Balaji: Why is it necessary to go to Salasar Balaji after visiting Khatu Shyam? Know the religious beliefs related to it

Salasar Balaji: राजस्थान की खाटू नगरी बड़े पैमाने पर भक्त जाते हैं। दिन प्रतिदिन खाटू श्याम में भक्तों की आस्था बढ़ती जा रही है। अक्सर आपने सुना होगा कि खाटू श्याम के दर्शन के बाद सालासर बालाजी जाना जरूरी है। सालासर बालाजी का मंदिर चूरु जिले में है। खाटू श्याम जी मंदिर से सालासर धाम की दूरी लगभग 45 किलोमीटर है।

खाटू श्याम के दर्शन के बाद सालासर बालाजी जाना क्यों है जरूरी? (Salasar Balaji)
खाटू श्याम जी के दर्शन के बाद ज्यादातर लोग सालासर बालाजी जाते हैं। कहा जाता है कि बाबा श्याम के दर्शन करने के बाद सालासर बालाजी का दर्शन करना बेहद शुभ होता है और ऐसा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और उनके दुख दूर हो जाते हैं।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम के दर्शन के बाद सालासर बालाजी के दर्शन करने से भक्तों को पूर्ण आशीर्वाद मिलता है। इससे सभी समस्याओं का जल्द समाधान हो जाता है। खाटू श्याम और सालासर बालाजी दोनों महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।

सालासर बालाजी
सालासर बालाजी मंदिर चूरु जिले में है । यहां के हनुमान जी कष्ट हरने वाले माने जाते हैं। बड़े संख्या में लोग सालासर बालाजी मंदिर दर्शन करने जाते हैं। कहा जाता है कि जब तक हनुमान जी के दर्शन नहीं होता तब तक बाबा श्याम की कृपा नहीं मिलती।

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार खाटू श्याम जी महाभारत काल के एक महान योद्धा थे जिसे खुश होकर महादेव ने उन्हें तीन बार दिए। कहा जाता है कि इन तीनों बार से पूरी दुनिया खत्म हो सकती थी।

सालासर बालाजी की कहानी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार
राजस्थान के असोटा गांव में एक किस को कल चलते समय एक पत्थर मिला जो हनुमान जी की मूर्ति थी। किसान ने मूर्ति साफ कर स्थापित किया तब से इन्हें सालासर बालाजी के रूप में पूजा जाने लगा। सालासर बालाजी के दाढ़ी मूछ भी है। बड़े पैमाने पर लोग सालासर बालाजी दर्शन करने जाते हैं।

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