झारखंड : शराब घोटाला केस में ACB से क्यों भाग रही है प्लेसमेंट एजेंसी, कानून का भी डर नहीं!

Jharkhand: Why is the placement agency running away from ACB in the liquor scam case, not even afraid of the law!

झारखंड में कथित शराब घोटाला केस की जांच कर रही एसीबी के सामने प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक हाजिरी नहीं लगा रहे हैं. नोटिस जारी करने के बावजूद प्लेसमेंट एजेंसी के संचालक एसीबी के सामने नहीं आए.

सिद्धार्थ सिंघानिया भी नहीं पहुंचे

दो कंपनियां-विजन हॉस्पिटिलिटी और मार्शन इनोवेटिव, जिनकी बैंक गारंटी फर्जी निकली, उन्होंने भी नोटिस के बावजूद एसीबी के समक्ष उपस्थिति दर्ज नहीं करायी. बुधवार को रायपुर के कारोबारी सिद्धार्थ सिंघानिया और इगल हंटर प्लेसमेंट एजेंसी के निदेशक सरोज लोहिया, बच्चा लोहिया व एटूजेड के निदेशक मंडल के सदस्य अतीमा खन्ना को भी एसीबी ने पूछताछ के लिए बुलाया था. इनमें से किसी कोई नहीं पहुंचा और न ही कोई सूचना ही दी.

प्लेसमेंट एजेंसियों पर हो सकती है कार्रवाई

जांच में सहयोग नहीं कर रही एजेंसियों पर अब एसीबी अग्रतर रास्ता निकालने में लगी है.दो बार नोटिस के बाद भी उपस्थित नहीं होने पर विनय कुमार चौबे के नजदीकी कारोबारी विनय कुमार सिंह के खिलाफ एसीबी ने वारंट लिया है, उसी तरह अन्य प्लेसमेंट एजेंसियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

गौरतलब है कि बीते सोमवार को ईगल हंटर के निदेशकों अमित  इंद्रासन मित्तल, दिपाली मित्तल, मनोज तिवारी को एसीबी के सामने उपस्थित होना था लेकिन वे नहीं आये. ईगल हंटर ने एसीबी के सामने उपस्थित नहीं होने का कोई कारण नहीं बताया और ना ही वक्त की मांग की है.

5 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी दी

बताया जा रहा है कि एसीबी ने फर्जी बैंक गारंटी देने वाली मार्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को 3 जून और विजन हॉस्पिटिलिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के निदेशकों को 4 जून को उपस्थित दोने का निर्देश दिया था लेकिन दोनों ही कंपनियों के निदेशक पूछताछ के लिए नहीं आये. एसीबी ने नये सिरे से दोनों निदेशकों को नोटिस भेजा है. बताया जा रहा है कि मार्शन और विजन नाम की दोनों कंपनियों ने 5-5 करोड़ रुपये से अधिक की फर्जी बैंक गारंटी दी थी.

बता दें एसीबी ने विनय कुमार चौबे और गजेंद्र सिंह को 20 मई को लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया था. इसके बाद एसीबी ने जेएसबीसीएल के वित्त महाप्रबंधक सुधीर कुमार दास, पूर्व महाप्रबंधक सुधीर कुमार और मेसर्स मॉर्शन इनोवेटिव सिक्योरिटी सर्विसेज प्राइवेज लिमिटेड प्लेसमेंट एजेंसी के स्थानीय प्रतिनिधइ नीरज कुमार सिंह को 21 मई को गिरफ्तार किया था. वे तभी से न्यायिक हिरासत में है.

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि शराब घोटाला का यह पूरा मामला झारखंड में 31 मार्च 2022 से लागू नई उत्पाद नीति से संबंधित है. आरोप है कि इसके लिए जनवरी 2022 में झारखंड में उत्पाद नीति को बदलने के लिए छत्तीसगढ़ के अधिकारियों के साथ तत्कालीन उत्पाद सचिव व अन्य अधिकारियों ने प्लान किया और रायपुर में बैठक की थी. तब उत्पाद विभाग के सचिव विनय कुमार चौबे हुआ करते थे. आरोप है कि विनय कुमार चौबे ने प्लेसमेंट एजेंसियों के चयन से लेकर टेंडर जारी करने तक में भारी गड़बड़ियां की.इसके अलावा यह भी आरोप है कि उत्पाद नीति लागू होने के बाद भी लगातार 2 वर्षों तक झारखंड उत्पाद नीति में छत्तीसगढ़ की एजेंसियां कार्यरत रहीं. नकली होलोग्राम, अवैध शराब की सप्लाई से झारखंड सरकार को करोड़ों की क्षति हुई. उत्पाद विभाग के बड़े अधिकारी, कर्मचारी औऱ शराब कंपनियों ने मिलकर सरकारी राजस्व को 38 करोड़ रुपये तक का नुकसान पहुंचाया.

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