झारखंड में शिक्षा विभाग के दो आदेश पर क्यों उठ रहे हैं सवाल ? एक आदेश में शिक्षकों की छुट्टी हो गयी रद्द, दूसरे में छुट्टी का आदेश
Why are questions being raised on two orders of the education department in Jharkhand? In one order, teachers' leave was cancelled, in the other, leave was ordered

Jharkhand School News : झारखंड में लगता है शिक्षा विभाग ऑटो मोड पर चल रहा है। ना कोई देखने वाला और ना ही कोई रोकने वाला। हाल के दिनों में शिक्षा विभाग की तरफ से कुछ ऐसे आदेश जारी हुए हैं, जिसे लेकर सवाल भी उठ रहे हैं और सियासत भी गरमायी हुई है। भाजपा नेता और पूर्व मंत्री अमर कुमार बाउरी ने शिक्षा विभाग के दो आदेश को लेकर राज्य सरकार पर सवाल खड़े किये हैं।
यह तस्वीर झारखंड सरकार की दोहरी नीति को उजागर करती है।
तुष्टिकरण और बाबा साहेब का अपमान झामुमो-कांग्रेस-राजद के संस्कार में है, बाबा साहब का सम्मान उनके लिए मात्र दिखावा है !
एक ओर पलामू जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 14 अप्रैल – बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में… pic.twitter.com/dOxxrKuxUg
— Amar Kumar Bauri (@amarbauri) April 17, 2025
दरअसल ये सवाल शिक्षा विभाग के अधिकारियों की तरफ से मनमाने तरीके जारी हो रहे आदेश को लेकर उठे हैं। एक आदेश पलामू का है, जहां जिला शिक्षा अधिकारी ने 14 अप्रैल को घोषित अवकाश को रद्द करने का आदेश जारी किया था, तो वहीं दूसरी तरफ एक आदेश जैक का है, जिसमें 12 अप्रैल को गुड फ्राइडे पर अवकाश की घोषणा की गयी है।
अब इस मामले में भाजपा के सीनियर लीडर अमर बाउरी ने सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने सोशल मीडिया हैंडल पर लिखा है कि दो आदेश झारखंड सरकार की दोहरी नीति को उजागर करती है। तुष्टिकरण और बाबा साहेब का अपमान झामुमो-कांग्रेस-राजद के संस्कार में है, बाबा साहब का सम्मान उनके लिए मात्र दिखावा है !
उन्होंने आगे लिखा है कि एक ओर पलामू जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 14 अप्रैल – बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के उपलक्ष्य में घोषित अवकाश को रद्द कर दिया, वहीं दूसरी ओर झारखंड एकेडमिक काउंसिल (JAC) द्वारा 12 अप्रैल को गुड फ्राइडे पर अवकाश की घोषणा की गई।
सवाल ये उठता है — आखिर ये दोहरा आचरण क्यों? क्या बाबा साहब की जयंती का सम्मान इस राज्य सरकार के लिए प्राथमिकता नहीं है? क्या यह संविधान निर्माता के प्रति अपमान नहीं है? झारखंड की सरकार से जनता जानना चाहती है — गुड फ्राइडे पर अवकाश, लेकिन अंबेडकर जयंती पर नहीं? यह कैसा न्याय है? संविधान के निर्माता के सम्मान के साथ ऐसा भेदभाव झारखंड की जनता कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।