JPSC में उम्र सीमा में छूट का किसे मिलेगा लाभ ? जानिये क्या उम्र सीमा की गणना का नया गणित, परीक्षा पैटर्न में किस तरह का हुआ है बदलाव

रांची। झारखंड लोक सेवा आयोग की ओर से सिविल सेवा परीक्षा के लिए साल 2021 में बनी नियमावली में संशोधन किया गया है। चीफ सेक्रेटरी एल ख्यांग्ते की अध्यक्षता में राज्य सरकार ने एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की सिफारिश पर कैबिनेट की मुहर लग चुकी है। नये नियमावली के मुताबिक सिविल सेवा परीक्षा के लिए अभ्यर्थियों की आयु न्यूनतम 21 वर्ष तथा विज्ञापन वर्ष के एक अगस्त को अधिकतम 35 वर्ष होनी चाहिए।आपको बता दें कि सिविल सेवा की जो पिछली परीक्षा (7वीं से 10वीं ) हुई थी, उसमें उम्र सीमा की गणना का साल 2021 रखा गया था और उसमें साढ़े चार साल की छूट भी दी गई थी।

तब सरकार ने यह भी कहा था कि यह छूट केवल एक बार के लिए होगी। वहीं आगामी परीक्षा में विज्ञापन वर्ष के एक अगस्त से उम्र सीमा की गणना करने की बात कही गई थी। ऐसे में छात्रों ने भी सरकार ने कट ऑफ डेट कम करने का आग्रह किया था। छात्रों ने कहा था कि अनियमित परीक्षा होने की वजह से उनकी उम्र निकल जाएगी। जिसके बाद सरकार का यह निर्णय आया है। सरकार के इस फैसले से करीब 4.50 लाख उम्मीदवारों को लाभ होगा।

पको बता दें कि जेपीएससी इस बार भी तीन सिविल सेवा परीक्षाएं एक साथ लेने का निर्णय लिया है। आयोग कुल 349 पदों (342 नियमित तथा सात बैकलॉग पद) पर नियुक्ति के लिए 11वीं, 12वीं और 13वीं (सिविल सेवा-2021, 2022 और 2023) संयुक्त सिविल सेवा परीक्षा लेगा।जो नियमावली बनाई है, उसके मुताबिक अधिकतम उम्र सीमा की गणना जिस साल विज्ञापन आएगा, उस साल के एक अगस्त से की जाएगी। जबकि अंतिम सिविल सेवा परीक्षा (7वीं से 10वीं) में उम्र सीमा की गणना साल 2016 से की गई थी। अब अगर उम्र सीमा की गणना विज्ञापन वर्ष से की जाती तो बड़ी संख्या में उम्मीदवार छंट जाते।

ऐसे में उम्मीदवारों को राहत देते हुए सरकार ने नियमावली में अस्थायी संशोधन किया है। अब अधिकतम उम्र सीमा की गणना 1 अगस्त 2017 से की जाएगी। इस बार परीक्षा का पैटर्न भी बदलेगा, इसके तहत प्री, मेंस और इंटरव्यू के लिए क्वालिफाइंग मार्क्स सामान्य के लिए 40 प्रतिशत, एसटी/एससी के लिए 32 प्रतिशत, इबीसी वन के लिए 34 प्रतिशत, बीसी टू के लिए 36.5 प्रतिशत, पीटीजी के लिए 30 प्रतिशत तथा इडब्ल्यूएस के लिए 40 प्रतिशत है। वहीं मेंस में पेपर वन लैंग्वेज में (सामान्य हिंदी व सामान्य अंग्रेजी) सिर्फ क्वालिफाइ करना होगा। इसके अंक मेरिट लिस्ट में नहीं जोड़े जाएंगे। किसी भी तरह के आरक्षण का लाभ लेनेवाले अभ्यर्थियों को आरक्षित श्रेणी में ही रखा जाएगा।

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