पटना: बिहार को एक-दो दिन में नए डीजीपी मिल जाएंगे। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय और यूपीएससी के स्तर पर मंथन के बाद वहां से तीन अधिकारियों के नाम की सूची राज्य को भेज दी गई है। इनमें किसी एक के नाम पर राज्य सरकार को अपनी सहमति बनाते हुए उसे नया डीजीपी नियुक्त करना है। इसे लेकर सरकार के स्पतर र मंथन शुरू हो गया है और 1 से 2 दिन में अंतिम फैसला हो जाएगा। वर्तमान डीजीपी एसके सिंघल का कार्यकाल 19 दिसंबर यानी सोमवार को समाप्त हो रहा है। सोमवार तक नए डीजीपी के नाम की घोषणा हर हाल में हो जाएगी।

सूत्रों के मुताबिक 4 वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों में किसी एक के नाम पर मोहर लगेगी। इसमें 1988 बैच के मनमोहन सिंह, 1989 बैच के आलोक राज के अलावा 1990 बैच के राजविंदर सिंह भट्टी एवं शोभा अहोतकर शामिल है। हालांकि केंद्र सरकार से जो सूची आई है उसमें तीन नाम ही है बताया गया है कि इनमें दो अधिकारियों के अलावा मनमोहन सिंह और सुबह उठकर में किसी एक के नाम हैं।

वर्तमान में मनमोहन सिंह और आरएस भट्टी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और दोनों पंजाब के रहने वाले हैं। वर्तमान डीजीपी एसके सिंघल भी पंजाब के ही रहने वाले हैं। आलोक राज बिहार और शोभा अहोतकर आंध्रप्रदेश मूल्य की रहने वाली है। ऐसे सभी बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं ।अगर राज्य सरकार पर है कि वह बिहार के अधिकारी को डीजीपी बनाती है या फिर पंजाब मूल के अधिकारी को मौका मिलता है।

मनमोहन सिंह का कार्यकाल 31 जुलाई 2023 तक ही है। आलोक राज 31 दिसंबर 2025, आरएस भट्टी का 30 दिसंबर 2025 और शोभा अहोतकर 30 जून 2026 को रिटायर हो रही है। सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार जो भी डीजीपी बनेंगे उनका कार्यक्रम कम से कम 2 वर्ष अवश्य होना चाहिए। इस बात का भी ध्यान रखते हुए राज्य सरकार डीजीपी का चयन करेगी।

यह भी संभावना है कि अभी 2 वर्ष के लिए ही किसी को सरकार डीजीपी बनाएगी। इसके आगे किसी वरिष्ठ अधिकारी को मौका मिले। इस बार जो भी नए डीजीपी बनेंगे उन पर 2024 में लोकसभा और 2025 में विधानसभा चुनाव कराने की भी जिम्मेदारी रहेगी।

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