भागलपुर/भोपाल/रेवाड़ी। UPSC के रिजल्ट के बाद अजब-गजब किस्से आ रहे हैं। हालांकि इसकी शुरुआत पिछले साल झारखंड से ही हुई थी, जब एक फर्जी अभ्यर्थी ने UPSC टॉपर बताकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के साथ डिनर पार्टी में शामिल हो गया था, वहीं पिछली बार ही एक लड़की के नाम से कंफ्यूजन इतना बढ़ा कि हमनाम की वजह से बिना पास किये ही लड़की को बधाईयों का तांता लग गया था, यहां तक की जिले की डीसी ने भी लड़की का सम्मान कर दिया था, बाद में पता चला कि वो लड़की को UPSC पास किया ही नहीं है। अब ऐसा ही मामला इस बार भी आ रहा है ।

जहां कोई एक ही नाम, एक ही रोल नंबर और एक रैंकिंग की वजह से एक-दो नहीं चार-चार अभ्यर्थी आपस में उलझ गये हैं। मध्यप्रदेश की आयशा फातिमा और अलीराजपुर की आयशा मकरानी दोनों ने दावा किया है कि उन्होंने UPSC क्लियर किया है। दोनों ने इसे लेकर जो एडमिट कार्ड सार्वजनिक किया है, उसमें भी रोल नंबर एक ही है।

44वीं रैंक वाला तुषार कौन है
UPSC में 44वीं रैंक पाने वाले तुषार कुमार नाम के दो अभ्यर्थियों ने कंफ्यूजन बढ़ा दिया है। एक हरियाणा के रेवाड़ी जिले के रहने वाले तुषार है तो दूसरे बिहार के भागलपुर के तुषार । दोनों के एडमिट कार्ड में रोल नंबर भी सेम है। दोनों का दावा है कि 44वीं रैंक उनका है। भागलपुर के तुषार कुमार ने दूसरे तुषार कुमार के एडमिट कार्ड को फर्जी करार दिया है। इसके साथ ही बिहार के कैमूर (भभुआ) के एसपी को इसकी शिकायत भी दर्ज कराई गई है। वहीं दूसरी तरफ रेवाड़ी निवासी तुषार कुमार इस पूरे मामले को क्लियर करने यूपीएससी के मुख्यालय में पहुंचे है। इधर, बिहार के भागलपुर निवासी तुषार कुमार ने रेवाड़ी के तुषार के दावे को गलत और भ्रमित करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के तुषार का एडमिट कार्ड ही फर्जी है, उसे एडिट कर बनाया गया है। उसमें यूपीएससी का वाटर मार्क भी नहीं है। इतना ही नहीं उसके एडमिट कार्ड पर ना आधार कार्ड नंबर है और उस पर लगे QR कोड को स्कैन करने पर कोई डिटेल नहीं आ रही है। जबकि उनके एडमिट कार्ड पर लगे QR कोड को स्कैन करने के बाद उनके नाम और एड्रस की डिटेल आ रही है।

मध्यप्रदेश किस आयशा ने किया है UPSC पास
मध्यप्रदेश में UPSC परिणाम को लेकर एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दावा किया जा रहा है कि एक ही रोल नंबर पर दो लड़कियों ने परीक्षा दी, इंटरव्यू दिया और अब दोनों को 184वीं रैंक मिली है। दोनों में कौन सच्चा और कौन झूठा इसकी जांच किये बगैर फिलहाल दोनों के घर जश्न मन रहा है। दोनों आयशा का दावा है कि उन्होंने परीक्षा दी है, इंटरव्यू भी दिया। देवास की आयशा फातिमा के एडमिड कार्ड पर इंटरव्यू की तारीख 25 अप्रैल और दिन मंगलवार लिखा है। आलीराजपुर की आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर भी तारीख 25 अप्रैल ही है, लेकिन दिन गुरुवार लिखा है। मगर 25 अप्रैल को मंगलवार ही था। वैसे आयशा फातिमा के एडमिट कार्ड पर यूपीएससी का वाटर मार्क और क्यूआर कोड है, लेकिन आयशा मकरानी के एडमिट कार्ड पर वाटर मार्क है और क्यूआर कोड नहीं है। आयशा फातिमा ने देवास के विंध्याचंल स्कूल से 11वीं तक की पढ़ाई कर 12वीं मॉडल पब्लिक स्कूल से पास की है। आयशा के पिता नज़ीरूद्दीन शेख सरकारी शिक्षक हैं और मां स्कूल संचालिका हैं। आयशा अपने माता पिता की दूसरी बेटी हैं। उन्हों्ने इंजीनियर बनने के लिए JEE एग्जायम पास कर SGSITS कॉलेज, इंदौर से इलेक्ट्रिकल ब्रांच से ग्रेजुएशन किया। हालांकि, मन में कुछ बड़ा करने की इच्छाS थी तो UPSC की तैयारी शुरू की. यूपीएससी में शुरुआती 3 असफलताओं के बाद आयशा को वह सब कुछ मिला जिसके लिए उन्होंने इतना इंतजार किया था. अब आयशा IPS बनेंगी।

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