कौन मुख्यमंत्री सबसे अमीर? कौन सबसे गरीब: सबसे अमीर सीएम की संपत्ति जानकर उड़ जाएंगे होश, जानिये हेमंत सोरेन कितने नंबर पर…

Which Chief Minister is the richest? Who is the poorest: You will be shocked to know the wealth of the richest CM, know at what number Hemant Soren is...

CM Networth : देश के सबसे धनी मुख्यमंत्री कौन हैं? ये लोगों की जिज्ञासा का सवाल रहता है। हर साल रिपोर्ट जारी करने वाली संस्था एडीआर यानि एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने इस बार भी अपनी रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के मुताबिक देश के सबसे धनी मुख्यमंत्री आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू हैं। चंद्रबाबू नायडू के पास 931 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है।

 

वहीं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिर्फ 15 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सबसे कम संपत्ति वाली मुख्यमंत्री हैं। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) द्वारा सोमवार को जारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रति मुख्यमंत्री की औसत संपत्ति 52.59 करोड़ रुपये है।

 

रिपोर्ट के मुताबिक भारत की प्रति व्यक्ति शुद्ध राष्ट्रीय आय या एनएनआई 2023-2024 के लिए लगभग 1,85,854 रुपये थी, जबकि एक मुख्यमंत्री की औसत स्व-आय 13,64,310 रुपये है, जो भारत की औसत प्रति व्यक्ति आय का लगभग 7.3 गुना है।देश के 31 मुख्यमंत्रियों की कुल संपत्ति 1,630 करोड़ रुपये है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू 332 करोड़ रुपये से अधिक की कुल संपत्ति के साथ दूसरे सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया 51 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति के साथ सूची में तीसरे स्थान पर हैं।

 

 

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 55 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सूची में दूसरे सबसे कम संपत्ति वाले सीएम हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं। खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपये की देनदारी भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धरमैया पर 23 करोड़ रुपये और नायडू पर 10 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारियां हैं।

 

13 (42 प्रतिशत) मुख्यमंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 10 (32 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी और आपराधिक धमकी से संबंधित मामले शामिल हैं। देश के 31 मुख्यमंत्रियों में से केवल दो महिलाएं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं। देश के 31 सीएम में केवल दो महिला सीएम हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली की सीएम आतिशी।

 

सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सिर्फ 15 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सबसे कम संपत्ति वाली मुख्यमंत्री हैं। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला 55 लाख रुपये की संपत्ति के साथ सूची में दूसरे सबसे गरीब मुख्यमंत्री हैं, जबकि केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन 1.18 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ तीसरे सबसे कम संपत्ति वाले मुख्यमंत्री हैं। देश के 31 मुख्यमंत्रियों में से केवल दो महिलाएं पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी और दिल्ली की मुख्यमंत्री अतिशी हैं।

 

 

जानें किस सीएम के पास कितनी संपत्ति 

झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की कुल संपत्ति कुल संपत्ति 25.33 करोड़ रुपये के आस-पास है, जबकि उनके ऊपर 3.92 करोड़ रुपये की देनदारी है। असम से सीएम हिमंत बिस्वा सरमा की नेटवर्थ करीब 17 करोड़ रुपये बताई गई। मेघालय के सीएम कोनराड संगमा के पास 15 करोड़ रुपए की संपत्ति है। त्रिपुरा के सीएम माणिक साहा की संपत्ति 13 करोड़ के आसपास है। गोवा के सीएम प्रमोद सावंत की कुल संपत्ति 9 करोड़, तमिलनाडु के सीएम एमके स्टालिन की कुल संपत्ति 8 करोड़, गुजरात के मख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की संपत्ति 8 करोड़ से अधिक की संपत्ति के मालिक हैं।

 

 

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की कुल नेटवर्थ 13.27 करोड़ रुपये है, जबकि उनके ऊपर 62 लाख रुपये की देनदारी भी है। वहीं हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू का नेटवर्थ 7 करोड़ से अधिक, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी का 4 करोड़ से अधिक, बिहार से सीएम नीतीश कुमार का 3 करोड़ से अधिक, उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और पंजाब के सीएम भगवंत मान के पास एक-एक करोड़ की रुपए की संपत्ति है।

 

 

किसी सीएम पर कितना कर्ज? 

खांडू पर सबसे ज्यादा 180 करोड़ रुपये की देनदारी भी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सिद्धरमैया पर 23 करोड़ रुपये और नायडू पर 10 करोड़ रुपये से अधिक की देनदारियां हैं। इसमें यह भी कहा गया है कि 13 (42 प्रतिशत) मुख्यमंत्रियों ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जबकि 10 (32 प्रतिशत) ने गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं, जिनमें हत्या के प्रयास, अपहरण, रिश्वतखोरी और आपराधिक धमकी से संबंधित मामले शामिल हैं।

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