झारखंड – संविदाकर्मियों को कब मिलेगा वेतन: स्वास्थ्यकर्मी वेतन बगैर हुए कंगाल, दिवाली के बाद अब छठ भी गुजरेगी बेरंग, लगायी गुहार
Jharkhand - When will contract workers get their salaries: Health workers are penniless without salaries, after Diwali, now Chhath will also pass colorless, plea made

धनबाद। स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत संविदाकर्मियों को वेतन के लाले पड़ गये हैं। दिवाली तंगहाली में गुजरने के बाद अब छठ में भी कर्मचारियों के हाथ खाली हैं। दरअसल धनबाद जिले में डीएमएफटी फंड (District Mineral Foundation Trust) से बहाल स्वास्थ्य विभाग के करीब 150 संविदा कर्मियों को दो महीने से वेतन नहीं मिला है। छठ पर्व भी बिना वेतन के मनाने की मजबूरी सामने है।
सरकार का आदेश भी नहीं मानते अधिकारी
मालूम हो कि DMFT फंड सीधे तौर पर जिले के उपायुक्त के अधीन होता है। कर्मियों का कहना है कि पर्व त्यौहार को देखते हुए सरकार अग्रिम वेतन भुगतान का आदेश जारी करती है परन्तु यहां अग्रिम भुगतान तो छोड़िए नियमित वेतन पर भी आफत है जहां हरेक महीने वेतन भी नहीं मिलता। इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, उपाधीक्षक, सिविल सर्जन से लेकर जिला प्रशासन तक संज्ञान नहीं लेते।
क्या है मामला
लगातार शिकायतों के बावजूद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की ओर से अब तक कोई समाधान नहीं निकला है। डीएमएफटी (District Mineral Foundation Trust) फंड के तहत बहाल स्वास्थ्य विभाग के लगभग 150 कर्मियों को पिछले दो महीनों से वेतन नहीं मिला है। वेतन के अभाव में इन कर्मियों की दीपावली बेरंग गुजरी और अब छठ पूजा के पहले भी स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ है।
दरअसल संविदा कर्मियों में डॉक्टर, नर्स, पैरामेडिकल स्टाफ, ड्रेसर, कंपाउंडर, फार्मासिस्ट, सफाईकर्मी और अन्य तकनीकी कर्मचारी शामिल हैं, जो जिले के सदर अस्पताल से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। कर्मियों का कहना है कि वे रोजाना 8 से 12 घंटे तक ड्यूटी करते हैं, लेकिन जब वेतन की बात आती है तो महीनों इंतजार करना पड़ता है।
समय पर वेतन न मिलने से उनका पारिवारिक जीवन प्रभावित हो रहा है।संविदा नर्स ने बताया कि दीपावली पर उम्मीद थी कि प्रशासन वेतन जारी करेगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब छठ पर्व भी बिना वेतन के बीतने जा रहा है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों से बार-बार आग्रह किया गया, लेकिन हर बार सिर्फ आश्वासन ही मिला।
एक तो अल्प वेतन वो भी समय से नहीं
इसी तरह कार्यरत कंपाउंडर ने कहा कि वेतन न मिलने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। किराया, बच्चों की फीस और जरूरी खर्च पूरे नहीं हो पा रहे हैं।वहीं, कई संविदा कर्मियों ने बताया कि उन्होंने सिविल सर्जन कार्यालय और जिला प्रशासन से कई बार शिकायत की है, लेकिन अब तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। उनका कहना है कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी तो वे सामूहिक रूप से विरोध दर्ज कराने को मजबूर होंगे।
सदर अस्पताल में तैनात होमगार्ड जवान भी इसी समस्या से गुजर रहे हैं। जवान ने बताया कि पिछले दो महीने से उन्हें भी वेतन नहीं मिला है। उन्होंने कहा, “दीपावली पर उम्मीद थी कि पैसा आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। अब छठ भी बिना वेतन के मनाना पड़ेगा। अधिकारी कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रहे हैं।”
सूत्रों के अनुसार, डीएमएफटी फंड से मिलने वाले बजट की मंजूरी में विलंब के कारण भुगतान प्रक्रिया प्रभावित हुई है। हालांकि, विभागीय अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही राशि जारी करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।









