स्कूली बच्चों को कब मिलेगा स्कूल ड्रेस… अब विभाग ने तय की है नयी डेडलाइन..

रांची:दुर्गापूजा और दीपावली के अवसर पर बच्चों के लिए नए कपड़े लेने का प्रचलन है। ये कपड़े अभिभावक खरीदेंगे भी, पर सरकारी स्कूल में पढ़नेवाले करीब 70% बच्चों को नई स्कूल ड्रेस मिलना मुश्किल है। वे पुराने कपड़े पहन कर ही स्कूल जाएंगे। यह स्थिति तब है, जब इस मद में पैसे की कोई कमी नहीं है।

बच्चों को पोशाक देने की नई डेडलाइन 15 नवंबर 2022

20 सितंबर तक झारखंड शिक्षा परियोजना को प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार, कुल 36 लाख 77 हजार 943 बच्चों में से मात्र 15 लाख 63 हजार 428 बच्चों के खाते में ही पैसे गए हैं, जो कि मात्र 43% है। अब भी 57% बच्चों के खाते में पैसे नहीं गए हैं। जिन 43% बच्चों को पैसे भेजे गए हैं, उनमें भी अधिकतर बच्चों के अभिभावकों ने अभी स्कूल ड्रेस नहीं खरीदी है। अब शिक्षा विभाग ने इसके लिए नई डेडलाइन 15 नवंबर तय की है।

साहिबगंज में 14, तो गोड्‌डा में मात्र 15% को मिले पैसे

स्कूल ड्रेस की राशि उपलब्ध नहीं कराने के मामले में साहिबगंज और गोड्‌डा की स्थिति सबसे खराब है। साहिबगंज में 14% और गोड्‌डा में मात्र 15% बच्चों को ही स्कूल ड्रेस के पैसे मिल पाए हैं। पूर्वी सिंहभूम, दुमका, खूंटी, गढ़वा, सरायकेला -खरसावां और रामगढ़ में 60% से अधिक छात्रों को पोशाक के लिए पैसे उपलब्ध करा दिए गए हैं, जबकि साहिबगंज जिले में मात्र 14 %, गोड्‌डा में 15 %, कोडरमा में 22 %, गुमला, पलामू और गिरिडीह में 23% छात्रों को ही स्कूल ड्रेस के लिए राशि मिल पाई है।

जिन बच्चों का बैंक खाता नहीं, उनके माता-पिता के खाते बताएं

पहली से आठवीं तक के बच्चों के बैंक अकाउंट खोलने की स्थिति भी शोचनीय है। जिन बच्चों का खाता नहीं है, उनके माता-पिता के खातों की जानकारी मांगी गई है। जिन छात्रों के माता-पिता के भी खाते बैंक या पोस्ट ऑफिस में नहीं हैं, उनके खाते शीघ्र खोले जाने का निर्देश दिया गया है। जेईपीसी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्वी सिंहभूम में 88%, रामगढ़ में 86%, देवघर में 83, लोहरदगा में 77, पश्चिम सिंहभूम में 76, और दुमका में 72% छात्रों के बैंक अकाउंट खोले जा चुके हैं। गिरिडीह में 29%, चतरा में 36, हजारीबाग में 43, और साहेबगंज में 48% छात्रों के ही बैंक खाते खोले गए हैं।

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