…जब बेटे ने बीच सड़क पर बांधा मां सोनिया गांधी के जूते का फीता.. मां-बेटे की दिल को छूने वाली तस्वीर आई सामने.. भारत जोड़ो यात्रा 29वें दिन
बेंगलुरु कांग्रेस की अध्यक्ष सोनिया गांधी आज भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुई। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पार्टी की भारत जोड़ो यात्रा कि 29 वें दिन की शुरुआत मांड्या जिले के बेल्लार से की। मिशन 2024 के मद्दे नजर लंबे समय बाद सोनिया गांधी पार्टी के सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग ले रही है। स्वास्थ्य कारणों के चलते कई चुनाव में प्रचार भी नहीं कर सकी थी।
सोनिया गांधी इस यात्रा के शुरू होने के पूरे 1 महीने बाद इसमें शामिल हुई। इस यात्रा के दौरान दिल को छू लेने वाली मां – बेटे की तस्वीर भी सामने आई । सोनिया गांधी इस यात्रा के शुरू होने के पूरे 1 महीने बाद आज शामिल हुई। कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा नवमी और दशहरे के कारण मंगलवार और बुधवार को नहीं हो पाई। इस यात्रा पर कर्नाटक में रोक लगाया था। राहुल गांधी और कांग्रेस के कई नेताओ, कार्यकर्ताओं ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी।
सोनिया गांधी पहुंची कर्नाटक
सोनिया गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान और पार्टी के लिए नए अध्यक्ष चुने जाने से पहले कर्नाटक दौरे पर है। दशहरा पूजा के अवसर पर बेगुर गांव के प्रसिद्ध भीमन्नकोली मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। कांग्रेस अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे भी आज पदयात्रा में नजर आए। राहुल गांधी और कांग्रेस के कई नेताओं, कार्यकर्ताओं ने 7 सितंबर को तमिलनाडु के कन्याकुमारी से भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत की थी। यात्रा का समापन अगले साल की शुरुआत में कश्मीर में होगा। इस यात्रा में कुल 3570 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। माना जा रहा है कि यात्रा कांग्रेस पार्टी को पहले से ज्यादा मजबूत बनाने के साथ ही महंगाई के खिलाफ आवाज उठाने के लिए की गई। इसमें आम जनता का भी काफी सहयोग मिल रहा है।
यात्रा में कई अनछुए तस्वीर आई सामने
सोनिया गांधी के भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के बाद राहुल गांधी कई बार अपनी मां सोनिया गांधी का हाथ पकड़कर चलते दिखाई दिए, तो कभी अपनी मां सोनिया गांधी के जूते की रिबन को बांधते नजर आए।मां बेटे का यह प्यार कई मायने में काफी संदेश देता है। सोनिया गांधी के पहुंचने के बाद भारत जोड़ो यात्रा में आम जनों का सहयोग और भी काफी बढ़ गया है। सोनिया गांधी के आते ही महिला कार्यकर्ताओं की भागीदारी भी पहले से काफी बढ़ गई।