झारखंड : मंत्रियों और विधायकों की परफॉर्मेंस रिपोर्ट पर राहुल गांधी की समीक्षा…कांग्रेस की नई रणनीति से क्या होंगे परिणाम?
Jharkhand: Rahul Gandhi's review on the performance report of ministers and MLAs... What will be the results of Congress's new strategy?

कांग्रेस पार्टी ने हेमंत कैबिनेट में अपने कोटे के मंत्रियों और सभी 16 विधायकों से 3 महीने का कामकाज की रिपोर्ट मांगी है.
मंत्रियों से किया गया है वे अपने विभाग का कामकाज के साथ-साथ संगठन को लेकर सौंपे गये दायित्वों की रिपोर्ट दें तो वहीं विधायकों से उनके विधानसभा में किए गये कार्यों की रिपोर्ट मांगी गई है.
झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश ने निर्देश दिया है कि इसी सप्ताह रिपोर्ट पेश किए जाएं. गौरतलब है कि हेमंत कैबिनेट में कांग्रेस कोटे से राधाकृष्ण किशोर, शिल्पी नेहा तिर्की, डॉ. इरफान अंसारी और दीपिका पांडेय सिंह मंत्री हैं.
राधाकृष्ण किशोर के पास वित्त विभाग है तो वहीं डॉ. इरफान अंसारी स्वास्थ्य, परिवार कल्याण एवं आपदा प्रबंधन मंत्री हैं. कृषि और सहकारिता विभाग का जिम्मा शिल्पी नेहा तिर्की को मिला है तो वहीं दीपिका पांडेय सिंह ग्रामीण विकास विभाग एवं पंचायती राज मंत्री हैं.
मंत्रियों-विधायकों से मांगी 3 महीने की रिपोर्ट
इन सभी मंत्रियों को अपने-अपने विभाग के पिछले 3 महीने के कामकाज की रिपोर्ट देनी है. इसस बीच चारों मंत्री, विधायक और पार्टी के वरीय पदाधिकारी 14 जुलाई को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे.
मंत्रियों और विधायकों को दिल्ली तलब किया गया है. राहुल गांधी झारखंड में संगठन के कार्यों, कार्यक्रमों, कांग्रेस कोटे के मंत्रियों के कामकाज और झारखंड सरकार के कामकाज पर चर्चा कर सकते हैं.
सांगठनिक ढांचे में होगा आमूल-चूल बदलाव
गौरतलब है कि झारखंड कांग्रेस अपने सांगठनिक ढांचे में आमूल-चूल बदलाव करने की तैयारी में है. प्रखंड से लेकर प्रदेश स्तरीय कमिटी में दलित, अल्पसंख्यक और ओबीसी कार्यकर्ताओं को आरक्षण देने की तैयारी है.
मंत्रियों को अपना पद स्थायी मानकर नहीं चलना है बल्कि समय-समय पर उनके कामकाज की समीक्षा होगी. गलतियां मिलने पर सुधार का मौका मिलेगा या फिर बदलाव भी किया जा सकता है.
पहले कार्यकाल में तात्कालीन कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडेय ने कई बार इसका संकेत दिया था. मौजूदा प्रभारी के राजू ने भी कहा था कि जमीन कार्यकर्ताओं को ही संगठन से लेकर सरकार तक में अहम पद मिलेंगे.