रांची। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने केंद्र सरकार और CRPF के आईजी पर बड़ा निशाना साधा है। JMM ने आरोप लगाया है कि झारखंड में कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश की गयी। केंद्र सरकार की तैयारी थी कि राज्य में राष्ट्रपति शासन के लिए इसे आधार बनाया जा सके।झारखंड मुक्ति मोरचा ने सीआरपीएफ के आईजी राकेश अग्रवाल पर गंभीर आरोप लगाया है। सीआरपीएफ और प्रदर्शनकारियों के बीच मारपीट एवं हमला कराने की तैयारी थी।

सुप्रियो भट्टाचार्य और विनोद पांडेय ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि से दावा किया गया है कि यह एक सोची समझी साजिश थी। इसमें सीआरपीएफ के आईजी राकेश अग्रवाल भी शामिल थे। वह चाहते थे कि सीआरपीएफ और झामुमो कार्यकर्ताओं के बीच मारपीट हो, प्रदर्शन उग्र हो। राष्ट्रपति शासन लागू करने के लिए यह पूरी भूमिका तैयार की गई थी।

सुप्रीयो भट्टाचार्य ने कहा कि विरोध प्रदर्शन को देखते हुए इलाके में धारा 144 लगा दी गई थी। इन सुरक्षा के बाद भी अचानक सीआरपीएफ मौके पर कैसे पहुंच गई। झामुमो राज्य सरकार से पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की भी मांग की है। जिला प्रशासन की अनुमति के बिना सीआरपीएफ का प्रयोग गैरकानूनी है। झामुमो कार्यकर्ताओं ने संयम के परिचय दिया। अगर ऐसा नहीं होता तो हालात बिगड़ सकते थे।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...