रामगढ़ उपचुनाव के लिए वोटिंग कल: कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा इस उपचुनाव पर टिकी, छात्रों की बगावत बढ़ा रही है उपचुनाव में प्रत्याशियों की धड़कनें

रामगढ़। झारखंड में रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के लिए सोमवार को वोट डाले जायेंगे। इससे पहले शनिवार को चुनाव प्रचार समाप्त हो गया। चुनाव प्रचार के अंतिम आज सभी प्रत्याशियों की ओर से पदयात्रा, बाइक रैली, साईकिल रैली और अन्य छोटी-बड़ी सभा का आयोजन कर शक्ति प्रदर्शन किया। रविवार को प्रत्याशी घर-घर जाकर मतदाताओं से संपर्क सकेंगे। मतदान के पहले रामगढ़ की सीमा को सील कर दिया गया है। जिले में प्रवेश करने वाले हर वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
झारखंड के इतिहास में यह पहली बार है जब एक साथ 12 छात्रों ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपनी दावेदारी पेश कर दी है। रामगढ़ विधानसभा चुनाव में ये सभी निर्दलीय उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। सभी छात्र हैं जिन्होंने ना जाने कितनी प्रतियोगिता परीक्षाओं में हिस्सा लिया। इस चुनाव को भी प्रतियोगिता परीक्षा की तरह ले रहे हैं।
यहां असली मुकाबला दो परिवारों के बीच है. यह चुनाव दो पतियों की ओर से अपनी पत्नियों के सम्मान में लड़ी जा रही लड़ाई के कारण दिलचस्प होने जा रहा है. चुनाव में एक ओर कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो हैं, जिनकी पत्नी ममता देवी जेल में हैं. ममता देवी ने इस सीट पर 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के तौर पर जीत दर्ज की थी, लेकिन एक आपराधिक मामले में 5 साल की सजा के चलते उनकी विधायकी चली गई. इसी वजह से यहां हो रहे उपचुनाव में कांग्रेस ने उनके पति को प्रत्याशी बनाया है।
मुकाबले में दूसरी ओर गिरिडीह के सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी हैं, जिन्हें एनडीए ने उम्मीदवार बनाया है. 2019 के चुनाव में भी सुनीता चौधरी अपने सांसद पति के राजनीतिक रसूख के भरोसे उम्मीदवार बनी थीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
जबदस्त मुकाबला होने की उम्मीद
इस तरह मुकाबला पूर्व विधायक ममता देवी के पति बजरंग महतो और सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी सुनीता चौधरी के बीच में है. बजरंग महतो जहां कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में गठबंधन के घटक दलों के सहयोग से चुनाव लड़ रहे हैं. वहीं सुनीता चौधरी एनडीए उम्मीदवार के रूप में चुनाव के मैदान में हैं. अगर जमीनी समीकरण की बात की जाए तो ममता देवी क्षेत्र की लोकप्रिय विधायक रह चुकी हैं और एक केस के सिलसिले में उनकी विधायकी गयी है, इसलिए उनके पति बजरंग महतो को सहानुभूति वोटों का लाभ मिल सकता है. दूसरी तरफ सुनीता चौधरी चूंकि गिरिडीह से सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी की पत्नी हैं और चंद्रप्रकाश रामगढ़ से विधायक रह चुके हैं, इसलिए क्षेत्र में उनके चाहनेवाले भी कम नहीं हैं।
कांग्रेस को 6 प्रमुख वामदलों का समर्थन
एनडीए उम्मीदवार सुनीता चौधरी के लिए सबल पक्ष ये है कि बीजेपी और आजसू के कद्दावर नेता उनकी जीत सुनिश्चित करने के लिए जोर लगा रहे हैं. बजरंग महतो चूंकि पिछले चुनाव में अपनी पत्नी ममता देवी के चुनाव प्रचार की कमान संभाल चुके हैं, इसलिए क्षेत्र के चुनावी समीकरण से वे भलीभांति परिचित हैं. रामगढ़ उपचुनाव को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी चुनौती के रूप में लिया है 6 प्रमुख वामदलों ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान किया है. माकपा, भाकपा, भाकपा (माले), फारवर्ड ब्लाक, आरएसपी और मासस ने रामगढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार बजरंग महतो को समर्थन दिए जाने का फैसला लिया।
कौन- कौन है चुनावी मैदान में
रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव में कुल 18 प्रत्याशी चुनावी मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. इसके तहत बजरंग महतो (इंडियन नेशनल कांग्रेस), सुनीता चौधरी (आजसू पार्टी), युगन कुमार (नवोदय जनतांत्रिक पार्टी), संतोष कुमार महतो (झारखंड पार्टी), अजीत कुमार (निर्दलीय), इमाम सफी (निर्दलीय), कामदेव महतो (निर्दलीय), तुलेश्वर कुमार पासवान (निर्दलीय), धनंजय कुमार पुटूस (निर्दलीय), पांडव कुमार महतो (निर्दलीय), प्रदीप कुमार (निर्दलीय), फारुख अंसारी (निर्दलीय), मनोज कुमार बेदिया (निर्दलीय), महिपाल महतो (निर्दलीय), रामावतार महतो (निर्दलीय), रंजीत महतो (निर्दलीय), सहदेव कुमार (निर्दलीय) एवं सुलेन्द्र महतो (निर्दलीय) प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में हैं.