रांची। नियमितिकरण को लेकर स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल जारी है। आंदोलन के बीच संगठन की आपसी गुटबाजी भी सामने आ रही है। देवघर में स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल के बीच एक नेता ने 7000 स्वास्थ्यकर्मियों के सामूहिक इस्तीफे का ऐलान कर दिया, तो वहीं हड़ताल की अगुवाई कर रहे राज्य सरकार ने इस बयान का खंडन करते हुए बयान देने वाले नेता से माफी मंगवाने की बात कह दी। इधर सामूहिक इस्तीफा का ऐलान करने वाले नेता ने hpbl.co.in को लिखित जवाब में कहा है कि माफी मांगने का तो सवाल ही नहीं उठता।

क्या है विवाद की वजह

दरअसल इस पूरे गतिरोध की शुरुआत सोमवार को उस वक्त हुई, जब देवघर में जिला मुख्यालय प्रदर्शन के दौरान एक नेता ने ये ऐलान कर दिया कि 25 फरवरी तक अगर नियमितिकरण का राज्य सरकार ने फैसला नहीं लिया, तो 7000 स्वास्थ्यकर्मी सामूहिक इस्तीफा दे देंगे।

देवघर में हड़ताली संगठन के मंच पर सहयोगी संगठन एक नेता ने सामूहिक इस्तीफा का ऐलान किया तो राज्य भर में इसकी तीखी प्रतिक्रिया हुई। आनन-फानन में राज्य संगठन की तरफ से इस बयान का खंडन किया गया। आंदोलन की अगुवाई कर रहे जीएनएम-एएनएम संघ की प्रदेश अध्यक्ष मीरा कुमारी ने कहा कि ऐसे बयान से संगठन का कोई लेना देना नहीं है। बयान देने वाले नेता अगर रांची आते हैं तो उनसे माफी मंगवाया जायेगा।

इस बयान पर लिखित प्रतिक्रिया भेजते हुए बयान देने वाले नेता ने कहा कि 20 फरवरी को जारी प्रेस विज्ञप्ति में कही गई सामूहिक इस्तीफे की बात का कोई निर्णय नहीं है। विभागीय धमकियों के मद्देनजर देवघर जिले में कहा गया था कि अनुबंध कर्मचारी धमकियों से डरने वाले नहीं है। जरूरत पड़ी तो सामूहिक इस्तीफा भी दे सकते हैं। सामूहिक इस्तीफे के बयान को वापस लिया जाता है। मैंने कुछ गलत नहीं लिखा है और जो भी लिखा है उस पर कायम हूं और माफी मांगने का सवाल ही नहीं है।

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