रांची । राज्य के विभिन्न प्लस टू उच्च विद्यालयों में 2015 से लगभग 1000 कार्यरत व्यवसायिक प्रशिक्षक राजभवन के समीप जाकिर हुसैन पार्क रांची में अपने मुख्य मांगों और हो रहे शोषण के खिलाफ तीन दिवसीय धरना प्रदर्शन प्रशिक्षकों के द्वारा किया जा रहा है।
इस धरना प्रदर्शन के कार्यक्रम का नेतृत्व मुख्य रूप से संघ के प्रदेश अध्यक्ष श्री जितेंद्र कुमार सचिव श्री मिथिलेश कुमार पांडे उपाध्यक्ष श्री सरवन मेहता उपसचिव रोजलीन स्नेहलता तिगा प्रदेश संगठन मंत्री समीर चंद्र रचित एवं राज्य के सैकड़ों व्यवसायिक प्रशिक्षक उपस्थित थे।
व्यवसायिक प्रशिक्षकों की प्रमुख मांग निम्न प्रकार से है :-
1.व्यवसायिक प्रशिक्षकों को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किया जाए।
- व्यवसायिक प्रशिक्षकों को शिक्षा विभाग में समायोजित कर जॉब सिक्योरिटी प्रदान किया जाए।
- व्यवसायिक प्रशिक्षकों को 60 वर्ष की उम्र तक जॉब करने की प्रावधान लागू किया जाए।
- नियमानुसार 5% की वेतन में वार्षिक वृद्धि का प्रावधान लागू किया जाए।
- महिला शिक्षकों को मातृत्व अवकाश एवं विशेष अवकाश की प्रावधान लागू की जाए। हम व्यवसायिक प्रशिक्षक व्यवसायिक शिक्षा के अंतर्गत केंद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा संचालित N.S.Q.F प्रोजेक्ट के अंतर्गत झारखंड के लगभग 500 प्लस टू उच्च विद्यालय में 2015 से कार्यरत है और सभी विद्यालयों में दो ट्रेड है जिसमें 1000 से ज्यादा प्रशिक्षक कार्यरत है। राज्य में व्यवसायिक शिक्षा कार्यक्रम का संचालन J.E.P.C (झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची) के द्वारा V.T.P (व्यवसायिक प्रशिक्षण सहयोगी) के माध्यम से किया जा रहा है। अर्थात हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों की नियुक्ति झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद एवं कंपनी के एकरारनामा द्वारा तीसरे पक्ष के रूप में किया गया।
हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों की समस्याएं निम्नलिखित है:- - हरेक 1 से 2 वर्षों में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद रांची के द्वारा नए टेंडर लाकर भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना।
- व्यवसायिक प्रशिक्षकों को बार-बार डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के हवाला देते हुए बिना कारण व्यवसायिक प्रशिक्षकों को
जॉब से बाहर निकालना। - कोर्डिनेटर और झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के मिली भगत से पूर्व में कार्यरत व्यावसायिक प्रशिक्षकों को बिना नियमावली के बाहर कर नए शिक्षकों की मोटी रकम लेकर बहाली करना।
- कई वर्षों से कार्यरत व्यवसायिक प्रशिक्षकों की वेतन में वार्षिक वृद्धि का नहीं होना।
- महिला प्रशिक्षकों को मातृत्व अवकाश एवं विशेष अवकाश का नही दिया जाना।
- कंपनियों के द्वारा वेतन में विभिन्न तरह की कटौतियां किया जाता है पर उसका कोई लेखा-जोखा नहीं।
- बार-बार नए नॉर्म्स का हवाला देकर व्यावसायिक प्रशिक्षकों से अलग-अलग सर्टिफिकेट की मांग करना।
- कोऑर्डिनेटर के द्वारा सिर्फ मेल कर व्यावसायिक प्रशिक्षक को नौकरी से निकाल देना और उनके जगह रुपए लेकर गलत ढंग से नए व्यावसायिक प्रशिक्षक को बहाल करना।
व्यवसायिक प्रशिक्षकों की ये है मांग
- व्यवसायिक प्रशिक्षकों को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त किया जाए।
- हरियाणा सरकार के तर्ज पर हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों को शिक्षा विभाग में समायोजित किया जाए।
- व्यवसायिक प्रशिक्षकों का वेतनमान में वार्षिक वृद्धि किया जाए।
- महिला व्यवसायिक प्रशिक्षकों को मातृत्व् अवकाश एवम् विशेष अवकाश की सुविधा दी जाए।
- हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों को जॉब सिक्योरिटी प्रदान किया जाए।
- हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों को 60 वर्ष की उम्र तक जॉब करने की प्रावधान लागू किया जाए।
- सरकारी शिक्षकों के समरूप विभिन्न अवकाश का प्रावधान लागू किया जाए।
- हम व्यवसायिक प्रशिक्षकों का किसी प्रकार का दुर्घटना घटित होने पर विभिन्न बीमा योजनाओं का लाभ दिया जाए।