रांची। हेमंत सरकार के एक फैसले ने पुलिसकर्मियों को गदगद कर दिया है। कैबिनेट में पुलिस निरीक्षक से लेकर चतुर्थ वर्ग तक के कर्मचारियों को हर साल एक माह का क्षतिपूर्ति छुट्टी देने की सुविधा को बहाल करने के फैसले के बाद 70 हजार पुलिसकर्मियों ने बुधवार को जमकर खुशी का इजहार किया।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस खुशी में शरीक हुए। पुलिसकर्मियों ने इस फैसले के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताया और मिठाई खिलाकर खुशियों में शामिल किया। इस दौरान पुलिसकर्मियों ने नारे लगाये – “हमारा सीएम कैसा होगा हेमंत सोरेने जैसा हो”

कैबिनेट के फैसले के बाद मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जो वादा किया था, उसे पूरा करने का काम किया है. वहीं पुलिस एसोसिएशन के अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेने कहा कि सरकार ने दुर्गम और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में काम करने वाले पुलिसकर्मियों की परेशानी को दूर करने का काम किया है।

आपको बता दें कि पिछली सरकार में राज्य पुलिस के जवानों को प्रति वर्ष एक महीने का अतिरिक्त वेतन देने का फैसला किया गया था और उनसे 20 दिनों की क्षतिपूर्ति अवकाश की सुविधा वापस ले ली थी। पिछली सरकार के आदेश में कहा गया था कि झारखंड पुलिस के चतुर्थवर्गीय कर्मचारियों के साथ ही आरक्षी, हवलदार, सहायक अवर निरीक्षक, अवर निरीक्षक तथा निरीक्षक को एक महीने का वेतन (मूल वेतन एवं मंहगाई भत्ता के बराबर) दिया जाएगा. इसका लाभ पाने वाले कर्मियों और अधिकारियों को पहले से देय क्षतिपूर्ति अवकाश की सुविधा मान्य नहीं होगी. एक महीने का यह अतिरिक्त वेतन पुलिसकर्मियों को राजपत्रित अवकाश में काम करने, त्योहार के दिनों में विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ड्यूटी करने और कार्य दिवसों में कार्यावधि से ज्यादा काम करने के बदले में दिया गया है।

इस फैसले के बाद पुलिसकर्मी लगातार क्षतिपूर्ति अवकाश की सुविधा पूर्व की भांति बहाल करने की मांग कर रहे थे। हालांकि इस मसले पर हेमंत कैबिनेट काफी पहले फैसला लेने वाली थी, कुछ तकनीकी वजह से फैसला टल गया था। बुधवार को आखिरकार इस फैसले पर मुहर लगा दी गयी।

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