पटना। जनता दरबार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का रुख बेहद कड़ा रहा। फरियादियों की शिकायत पर कई दफा उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाई। जनता दरबार में एक फरियादी ने अपनी शिकायत में कहा कि मधेपुरा में मेडिकल कॉलेज तो खोला गया है, लेकिन वहां कोई सुविधा नहीं है। ना तो बेहतर इलाज की व्यवस्था है और ना ही जांच की। 6 माह से अल्ट्रासाउंड भी नहीं हो रहा है, MRI की जांच तो आज तक शुरू ही नहीं हुई है। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने स्वास्थ्य सचिव को फोन लगाने को कहा…। मुख्यमंत्री ने फोन पर ही स्वास्थ्य सचिव की जमकर क्लास लगा दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ये तो आश्चर्यजनक है कि 3 साल होने के बावजूद मेडिकल कॉलेज में आज तक कोई सुविधा नहीं है। राज्य सरकार इसी तरह से मेडिकल कॉलेज खोलते रहे और वहां पर किसी तरह की कोई सुविधा नहीं रहेगी। उन्होंने इस पूरे प्रकरण को तत्काल देखने के निर्देश दिए।

जनता दरबार में सेविका सहायिका बहाली में गड़बड़ी को लेकर भी कई आवेदक पहुंचे थे। सीएम नीतीश कुमार ने सभी की शिकायतों को ध्यान से सुना और अधिकारियों को तुरंत मामले में तलब किया। मुख्यमंत्री का फरमान सुनते ही चीफ सेक्रेटरी अमीर सुबहानी मुख्यमंत्री के समक्ष हाजिर हुए, उनके पीछे-पीछे प्रधान सचिव एस सिद्धार्थ, सचिन अनुपम कुमार और मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव दीपक कुमार भी पहुंचे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नाराजगी भरे शब्द में कहा कि देखिए कई बार यहां पर शिकायतें पहुंच चुकी है। इस पर मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव सिद्धार्थ ने कहा कि सर आज फाइल आ जायेगी। अगली बैठक में इसका निराकरण कर लिया जाएगा ।

मुख्यमंत्री इस वक्त ज्यादा नाराज हुए, जब 2021 में जनता दरबार में आया एक फरियादी दोबारा से उसी मामले में अपनी शिकायत लेकर जनता दरबार में पहुंचा। फरियादी का कहना था कि हाई स्कूल की जमीन पर कई सारे लोगों ने कब्जा कर लिया है। इसकी शिकायत 2021 में मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियादी ने की थी। मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री को फोन कर समस्या के समाधान के निर्देश दिए थे। उसके बाद शिक्षा मंत्री ने वहां के डीएम को फोन कर जमीन को खाली कराने को कहा था, लेकिन जमीन खाली नहीं कराई गई। फरियादी ने मुख्यमंत्री से यहां तक कह दिया कि ना तो कोई कार्यवाही हुई है। सर, उल्टे अब वहां लोग उनकी जान के पीछे पड़ गए हैं। मुख्यमंत्री यह सुनते ही नाराज हो गए और उन्होंने अधिकारियों से कहा कि यह क्या हो रहा है। फरियादी कह रहा है कि वह 2021 में भी आया था और सरकारी स्कूल की जमीन पर कब्जा आज तक नहीं हटा है।

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