रांची: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की मुश्किलें जरूर बढ़ी हुई है, लेकिन तेवर कम नहीं हुए हैं। मुख्यमंत्री ने आज इशारों-इशारों में विरोधियों को तीखा तंज कसा है। कैबिनेट से फैसले अभिभूत पुलिसकर्मी आज जब मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे तो भीड़ और प्यार देख मुख्यमंत्री भी हैरान रह गये। पुलिसकर्मियों के नारे और जयकारे के उसी वीडियो को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेने ने ट्वीट किया है। मुख्यमंत्री ने लिखा है….

संवैधानिक संस्थानों को तो खरीद लोगे, जनसमर्थन कैसे खरीद पाओगे? झारखण्ड के हमारे हजारों मेहनती पुलिसकर्मियों का यह स्नेह और यहाँ की जनता का समर्थन ही मेरी ताकत है। हैं तैयार हम! जय झारखण्ड!

दरअसल खनन मामले में राजभवन में हुई शिकायत के बाद आफिस आफ प्राफिट का मामला चुनाव आयोग पहुंचा था। राजभवन को अब आयोग ने अपनी सिफारिश वाली चिट्ठी भेज दी है। जिस पर शुक्रवार को फैसला राजभवन से आ सकता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष और प्रदेश के मुखिया हेमंत सोरेन (Hemant Soren JMM) से संबंधित निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट पर कई तरह की खबरें गुरुवार को मीडिया में चलती रहीं। इलेक्ट्रॉनिक चैनल्स ने तो यहां तक खबर चला दी कि हेमंत सोरेन को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में दोषी पाया गया है और निर्वाचन आयोग ने उनकी विधानसभा की सदस्यता रद्द करने की सिफारिश की है।

मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से इस तरह की रिपोर्ट का खंडन किया गया। झारखंड के सीएम ने कहा कि इस संबंध में अब तक कोई भी रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली है। निर्वाचन आयोग या राज्यपाल की ओर से उन्हें इस आशय की कोई जानकारी नहीं दी गयी है। मीडिया में हेमंत सोरेन से जुड़ी खबर चलने के बाद झारखंड में राजनीतिक गहमागहमी बढ़ गयी।

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