रांची। पुरानी पेंशन पर ट्वीट कर कहीं खुद तो नहीं फंस गये बाबूलाल मरांडी ?….कहीं मुख्यमंत्री को घेरने के चक्कर में खुद तो नहीं घिर गये पूर्व CM ?….कहीं पुरानी पेंशन पर सवाल खड़ा करना भाजपा विधायक दल के नेता को महंगा तो नहीं पड़ गया ?…..ये तमाम सवाल इसलिए, क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री ने 24 घंटे पहले जो ट्वीट किया था, अब उस ट्वीट पर कर्मचारी वर्ग बाबूलाल मरांडी को ही घेरने लगा है। दरअसल हुआ ये है कि बाबूलाल मरांडी अभी बीजेपी में हैं जरूर, लेकिन उससे पहले वो झारखंड विकास मोर्चा में थे। झाविमो ने जब चुनाव के वक्त अपना घोषणा पत्र बनाया था, तो उस घोषणा पत्र के 18वें बिंदु पर सरकारी पेंशन योजना यानि पुरानी पेंशन बहाली का भी जिक्र था।

NMOPS के झारखंड प्रदेश संयोजक विक्रांत सिंह ने बाबूलाल मरांडी के ट्वीट पर रि-ट्वीट कर लिखा है कि
“हम तो अब आपको कुछ नहीं बोलेंगे। अब आपही रास्ता निकाल दीजिये, आखिर वादा तो आपका भी था। महाधिवक्ता का सुझाव शायद सतही हो परंतु आपको घोषणापत्र तो सतही नहीं था ना।“
आपको बता दें कि पिछली कैबिनेट में हेमंत सोरेन सरकार ने पुरानी पेंशन को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। कैबिनेट ने एक एसओपी गठित किया है। जो क्रियान्वयन पर राज्य सरकार को अपना सुझाव देगी। इससे पहले 15 अगस्त को पुरानी पेंशन बहाल करने का ऐलान करने की बात भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने OPS महासम्मेलन के दौरान किया था। राज्य सरकार लगातार पुरानी पेंशन बहाली को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहरा रही है।


शिक्षक-कर्मचारी लगातार कर रहे हैं ट्रोल

सरकार तो झाविमो की बनी रही, कुछ दिन बाद बाबूलाल मरांडी ने अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में करा लिया और अब वो भाजपा के नेता बन गये हैं। आरोप है कि विपक्ष में रहते हुए भी उन्होंने कभी भी पुरानी पेंशन को लेकर कर्मचारियों की आवाज बनकर मदद नहीं की। सोशल मीडिया में बाबूलाल मरांडी को कर्मचारी वर्ग ट्रोल कर कई बुनियादी सवाल खड़ा कर रहा है। सोशल मीडिया में इस बात को लेकर सवाल पूछा जा रहा है कि यदि बाबूलाल मरांडी राज्य के मुख्यमंत्री होते और उन्हें पुरानी पेंशन योजना लागू करनी होती तब वह किस पर सवाल खड़ा कर रहे होते और पैसे कहां से जुटाते यह भी एक बड़ा सवाल खड़ा होता है।


NMOPS झारखंड के प्रदेश संयोजक ने कसा तंज

प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत सिंह के ट्वीट के बाद लगातार रि-ट्वीट हो रहा है। लगातार इस मामले पर कर्मचारी ट्वीट कर पूर्व मुख्यमंत्री को घेरने की कोशिश कर रहे हैं।
संजय चंद्रा ने लिखा है कि महोदय, आपने भी “पुरानी पेंशन” लागू करने संबन्धी वादा किया था। आज की वर्तमान सरकार यदि इसपर प्रतिबद्धता दिखाते हुए पुरानी पेंशन लागू करने जा रही है तो आपको क्या तकलीफ हो रही है? बल्कि आपको तो वादे के मुताबिक इस मुद्दे पर सरकार का समर्थन करना चाहिए।

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