Uric Acid: बिना अस्पताल के चक्कर काटे ही जड़ से खत्म हो जाएगा यूरिक एसिड! आपके किचन में ही छिपा है दमदार इलाज

Uric Acid: आज कल कई लोग यूरिक एसिड (Uric Acid) से परेशान हैं. डॉक्टर के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन कोई फायदा नहीं निकलता है. आज हम आपको इससे छुटकारा पाने की दमदार उपाय बताएंगे. जान लें कि यह एक प्रकार का अपशिष्ट पदार्थ है जो शरीर में बनने वाली पुरानी कोशिकाओं के टूटने और भोजन के पाचन से उत्पन्न होता है

यह रक्त में घुलकर किडनी द्वारा मूत्र के रूप में बाहर निकलता है. लेकिन जब यह सामान्य से अधिक बढ़ जाता है, तो यह शरीर में जमा हो सकता है और विभिन्न समस्याएं उत्पन्न कर सकता है.

Uric Acid क्या है?

यूरिक एसिड (Uric Acid) शरीर में उत्पन्न होने वाला एक प्रकार का बायप्रोडक्ट है, जो purines नामक तत्वों के टूटने से बनता है. purines हमारे आहार और शरीर में स्वाभाविक रूप से मौजूद होते हैं, जब purines टूटते हैं, तो यूरिक एसिड उत्पन्न होता है. यह रक्त के माध्यम से किडनी तक पहुंचता है, जहां से इसे पेशाब के माध्यम से बाहर निकाला जाता है. सामान्यत यूरिक एसिड का स्तर किडनी द्वारा नियंत्रित किया जाता है. लेकिन जब इसका स्तर बढ़ जाता है, तो यह शरीर में जमा हो सकता है, जिससे जोड़ों में सूजन, दर्द और गाउट जैसी समस्याएं हो सकती हैं.

Uric Acid के कारण

आहार: अधिक मांस, शराब, और शक्कर से भरपूर आहार यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकता है.
किडनी की समस्याएं: अगर किडनी यूरिक एसिड को सही से बाहर नहीं निकाल पा रही है, तो इसका स्तर बढ़ सकता है.
मोटापा: मोटे लोग अक्सर उच्च यूरिक एसिड के स्तर से प्रभावित होते हैं.
मेडिकल स्थितियां: उच्च रक्तचाप, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी बीमारियाँ भी यूरिक एसिड के स्तर को प्रभावित कर सकती हैं.
दवाएं: कुछ दवाएं, जैसे diuretics और aspirin, यूरिक एसिड के स्तर को बढ़ा सकती हैं.

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Uric Acid के लक्षण

  • जोड़ों में दर्द और सूजन: विशेषकर पैरों के अंगूठे में दर्द, जो एक सामान्य लक्षण है.
  • गर्मी और लालिमा: प्रभावित जोड़ों में गर्मी और लालिमा महसूस हो सकती है.
  • किडनी स्टोन: उच्च यूरिक एसिड के कारण किडनी में स्टोन बन सकते हैं.
  • खुजली और त्वचा पर रैशेज: यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर से त्वचा पर भी असर पड़ सकता है.

Uric Acid को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेदिक उपाय

आयुर्वेद में यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए विभिन्न प्राकृतिक उपाय दिए गए हैं, जो न केवल यूरिक एसिड को कम करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर को शुद्ध भी करते हैं. यहाँ कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक उपाय दिए गए हैं:

गिलोय (Giloy): गिलोय को आयुर्वेद में एक अद्भुत औषधि माना जाता है. गिलोय के रस का सेवन नियमित रूप से यूरिक एसिड को कम कर सकता है.

आंवला (Amla): आंवला में उच्च मात्रा में विटामिन C होता है, जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करता है. आंवला का रस या पाउडर नियमित रूप से सेवन करें.

निम्बू (Lemon): निम्बू का सेवन यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में सहायक है. इसमें citric acid होता है, जो यूरिक एसिड के घनत्व को घटाने में मदद करता है.

मेथी (Fenugreek): मेथी के बीजों में ऐसे गुण होते हैं जो यूरिक एसिड के स्तर को कम करने में मदद करते हैं. आप मेथी के बीजों को पानी में उबाल कर सेवन कर सकते हैं.

तुलसी (Basil): तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं. रोजाना तुलसी के पत्तों का सेवन करने से राहत मिल सकती है.

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गिलोय और हल्दी का मिश्रण: हल्दी में anti-inflammatory गुण होते हैं, जो जोड़ों में सूजन और दर्द को कम करने में मदद करते हैं. गिलोय के साथ हल्दी का मिश्रण यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है.

अच्छा आहार: आयुर्वेद में यह सलाह दी जाती है कि उच्च purine आहार से बचें, जैसे मांस, मछली, और बीयर. इसक जगह ताजे फल, सब्जियाँ और साबुत अनाज खा सकते हैं.

यूरिक एसिड के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करने के लिए आयुर्वेद में कई प्राकृतिक उपाय उपलब्ध हैं. स्वस्थ आहार, जीवनशैली में बदलाव और आयुर्वेदिक औषधियों का नियमित सेवन करके यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित किया जा सकता है. यदि यूरिक एसिड के लक्षण गंभीर हो जाएं, तो डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है.

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