चतरा। घूस लेते गिरफ्तार हुई बाल विकास परियोजना कार्यालय की सुपरवाइजर की मुश्किलें बढ़ सकती है। एसीबी अब महिला पर्यवेक्षिका की पूरी संपत्ति की जांच करने की तैयारी में है। दो दिन पहले ही महिला सुपरवाइजर उर्मिला कुमार को 7500 रुपये लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। महिला से पूछताछ के बाद अब एसीबी संपत्ति की जांच की तैयारी में है। खबर है कि जल्द ही एसीबी रिश्वत प्रकरण में जांच का दायरा बढ़ा सकती है। इटखोरी बाल विकास परियोजना कार्यालय की पर्यवेक्षिका उर्मिला कुमारी को 7500 रुपये रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया था।

पत्थलगड़ा प्रखंड अंतर्गत कुब्बा आंगनबाड़ी सेविका मीना बाला और मरंगा आंगनबाड़ी सेविका बबीता देवी की संयुक्त शिकायत पर कार्रवाई करते हुए एसीबी की ट्रैप टीम ने उसे पकड़ा था। टीम का नेतृत्व कर रहे एसीबी पुलिस उपाधीक्षक सादिक अनवर रिजवी ने बताया कि पोषाहार राशि का वाउचर जमा करने के नाम पर आंगनबाड़ी सेविकाओं से पर्यवेक्षिका पैसे की मांग कर रही थी। जिसकी शिकायत सेविकाओं ने संयुक्त रूप से एसीबी में लिखित तौर पर किया था।

शिकायत की जांच के बाद गठित स्पेशल टीम ने जाल बिछाकर पर्यवेक्षिका को घूस की राशि के साथ रंगे हाथ दबोचा है। उसकी गिरफ्तारी इटखोरी स्थित कार्यालय कक्ष से हुई है। गिरफ्तारी के बाद पर्यवेक्षिका को एसीबी की टीम अपने साथ हजारीबाग ले गई और पूछताछ शुरू की। पूछताछ में कुछ और खुलासे हुए हैं, जिसके आधार रिश्वत प्रकरण की जांच एसीबी आगे बढ़ा सकती है।

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