Election Commissioner: सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को नया चुनाव आयुक्त चुना गया है। पीएम मोदी की अगुवाई में हुई चयन कमेटी की बैठक में इन दो नामों पर मुहर लगायी गयी। चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय के रिटायर होने और पिछले हफ्ते अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद दो जगह खाली हो गई थीं। लोकसभा चुनाव के पहले दोनों पद भर लिये गये।

आपको बता दें कि इससे पहले ही अधीर रंजन चौधरी ने सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार के नाम बता दिये थे। उन्होंने चयन प्रक्रिया भी सवाल खड़ा किया था। पैनल के सामने दो पदों के लिए 6 नाम सामने आए थे। इन नामों में उत्पल कुमार सिंह, प्रदीप कुमार त्रिपाठी, ज्ञानेश कुमार, इंदिवर पांडे, सुखबीर सिंह संधू और सुधीर कुमार गंगाधर रहाते शामिल थे।

हालांकि, अधीर रंजन चौधरी ने कहा, यह स्पष्ट नहीं है कि 200 उम्मीदवारों में इन 6 का चयन कैसे हुआ? कांग्रेस नेता ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि उनसे बहुत ही अव्यावहारिक तरीके से नियुक्ति में शामिल होने के लिए कहा गया। उनका आरोप था कि पहले 212 नामों की एक लंबी लिस्ट थमाकर सिर्फ एक रात का वक्त दिया और फिर अगली सुबह सिर्फ 6 नाम सामने रख दिए। ये सिर्फ 10 मिनट पहले हुआ है। अधीर रंजन चौधरी ने सवाल किया है कि, इतने कम समय में कैसे नाम तय किए जा सकते थे।

जानिये कौन है सुखबीर सिंह संधू
1963 में जन्में सुखबीर सिंह 1988 बैच के रिटायर IAS अफसर हैं. वे उत्तराखंड कैडर के अधिकारी हैं. सुखबीर सिंह उत्तराखंड के मुख्य सचिव रहे. इसके अलावा वे उच्च शिक्षा विभाग, मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव और भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अध्यक्ष जैसे अहम पदों पर रह चुके हैं.- सुखबीर सिंह संधू ने अमृतसर के गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज से MBBS किया है. उन्होंने गुरुनानक देव यूनिवर्सिटी अमृतसर से इतिहास में मास्टर्स की है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, संधू के पास लॉ की डिग्री भी है. केन्द्र सरकार ने इनको एक साल के लिए लोकायुक्त सचिव नियुक्त किया था. उस वक्त नियुक्ति के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल समिति द्वारा जारी नियुक्ति पत्र के मुताबिक उत्तराखंड कैडर और 1988 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी डॉ. सुखबीर संधू की नियुक्ति एक वर्ष की अवधि के लिए अनुबंध के आधार पर की गई. गौरतलब है कि संधू पिछले साल 30 सितंबर को उत्तराखंड सरकार के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए थे.

जानिये कौन हैं ज्ञानेश कुमार

ज्ञानेश कुमार 1988-बैच के IAS अधिकारी हैं. वे 31 जनवरी 2024 को रिटायर हुए थे. ज्ञानेश कुमार केरल कैडर के अधिकारी हैं. गृह मंत्रालय के साथ काम करते हुए उनकी जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक की तैयारी में भी सक्रिय भूमिका रही. गृह मंत्रालय में ज्ञानेश पदोन्नत होकर एडिशनल सेक्रेटरी भी बने थे. ज्ञानेश कुमार को अमित शाह का खास माना जाता है। उन्होंने संसदीय कार्य मंत्रालय में सचिव के रूप में काम किया है. इसके अलावा वे केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय में भी वे सचिव रहे हैं. – टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानेश कुमार ने गृह मंत्रालय में रहते हुए राम जन्मभूमि तीर्थ ट्रस्ट के बनने में अहम भूमिका निभाई थी. जब आर्टिकल 370 हटाया गया था, तब वे गृह मंत्रालय में जम्मू कश्मीर डेस्क के इंचार्ज थे.

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