Tulsi Pujan Diwas 2022: तुलसी पूजन दिवस मनाने की शुरुआत साल 2014 से हुई। इस दिन विशेष रूप से तुलसी पूजा की जाती है। इस दौरान देश के कई केंद्रीय मंत्रियों और संतों ने तुलसी पूजा के महत्व का बखान सोशल प्लेटफॉर्म के माध्यम से किया। तभी से 25 दिसंबर 2022 को तुलसी पूजन दिवस मनाया जाने लगा।जानें तुलसी पूजन का महत्व, विधि और इसके लाभ…..

तुलसी पूजा की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही हैं..
हिंदू धर्म में तुलसी पूजन की परंपरा पौराणिक काल से चली आ रही है। लगभग हर हिंदू परिवार के आंगन में तुलसी का एक पौधा जरूरत होता है,और सुबह-शाम पूरे श्रद्धा भाव से इसकी पूजा की जाती है। तुलसी को लक्ष्मी का रूप माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि यदि घर में तुलसी का पौधा हरा भरा हो तो घर में सुख-शांति बनी रहती है।

तुलसी पूजन करने से होता है ये लाभ


ऐसी मान्यता है कि तुलसी के पौधे के पास किसी भी मंत्र-स्तोत्र आदि का पाठ करने से उसका अनंत गुना अधिक फल मिलता है।

भूत, प्रेत, पिशाच, ब्रह्मराक्षस, दैत्य आदि सब तुलसी के पौधे से दूर भागते हैं।

तुलसी पूजन से बुरे विचारों का नाश होता है।

पद्मपुराण के अनुसार तुलसी पत्ते से टपकता हुआ जल यदि मनुष्य अपने सिर पर लगता है तो इतना करने भर से उस मनुष्य को गंगास्नान और 10 गोदान का फल मिल जाता है।

तुलसी पूजन से रोग नष्ट हो जाते हैं और अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त होता है।

तुलसी पूजन स्वर्ग और मोक्ष के द्वार खोलता है।

श्राद्ध और यज्ञ आदि कार्यों में तुलसी का एक पत्ता भी महान पुण्य देनेवाला होता है।

तुलसी पूजन से बुरे विचारों का नाश होता है।

तुलसी के नाम उच्चारण मात्र से ही पुण्य की प्राप्ति होती है। मनुष्य के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।

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