ट्रैवल न्यूज़: बेंगलुरु से ऋषिकेश के लिए पहली सीधी ट्रेन 19 जून से होगी रवाना, जानें रूट, समय और सुविधाएं

नई दिल्ली। पहली बार ऋषिकेश जाने वाले यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे ने एक बड़ी सौगात दी है। दक्षिण भारत के प्रमुख शहर बेंगलुरु और उत्तर भारत के धार्मिक एवं पर्यटन स्थल ऋषिकेश के बीच अब सीधी ट्रेन सेवा शुरू होने जा रही है। यह सेवा 19 जून 2025 से ‘यशवंतपुर-ऋषिकेश एक्सप्रेस स्पेशल’ (Train No. 06597/06598) के रूप में शुरू होगी।

इस ट्रेन सेवा के जरिए अब दक्षिण भारत के यात्री भी उत्तराखंड के चारधाम और योग नगरी ऋषिकेश की यात्रा सुगम और सुविधाजनक तरीके से कर सकेंगे।

ट्रैवल न्यूज़: क्या रहेगा रूट और समय?

  • यशवंतपुर-ऋषिकेश एक्सप्रेस स्पेशल (06597):
    यह ट्रेन 19 जून, 26 जून और 3 जुलाई को सुबह 7:00 बजे बेंगलुरु के यशवंतपुर स्टेशन से चलेगी और अगले दिन सुबह 10:20 बजे ऋषिकेश पहुंचेगी।

  • वापसी में (06598):
    ट्रेन 21 जून, 28 जून और 5 जुलाई को शाम 5:55 बजे ऋषिकेश से रवाना होगी और सोमवार शाम 7:45 बजे यशवंतपुर पहुंचेगी।

ट्रैवल न्यूज़: रूट और प्रमुख स्टॉपेज

यह ट्रेन येलहंका, हिंदूपुर, धर्मावरम, अनंतपुर, कुरनूल, हैदराबाद (काचीगुड़ा), नागपुर, भोपाल, झांसी, ग्वालियर, आगरा कैंट, मथुरा, दिल्ली (हजरत निजामुद्दीन), गाजियाबाद, मेरठ, मुज़फ्फरनगर, रुड़की और हरिद्वार जैसे प्रमुख स्टेशनों पर रुकेगी।
इससे यात्रियों को देश के विभिन्न हिस्सों से आसानी से ऋषिकेश पहुंचने का विकल्प मिलेगा।

ट्रैवल न्यूज़: कैसी होंगी सुविधाएं?

ट्रेन में यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कई क्लास के डिब्बे शामिल होंगे:

  • एसी फर्स्ट क्लास

  • एसी 2 टियर

  • एसी 3 टियर

  • स्लीपर क्लास

  • जनरल अनारक्षित कोच

खानपान के लिए ई-कैटरिंग सुविधा भी उपलब्ध होगी। बड़ी खिड़कियों से यात्री रास्ते के खूबसूरत दृश्यों का आनंद ले सकेंगे।

ट्रैवल न्यूज़: बुकिंग और टिकट की जानकारी

टिकटों की बुकिंग IRCTC की वेबसाइट या नजदीकी रेलवे स्टेशन के टिकट काउंटर से की जा सकती है। चूंकि यह स्पेशल ट्रेन है, इसलिए सीमित तारीखों के लिए ही उपलब्ध होगी—जल्द टिकट बुक कराना बेहतर होगा।

ट्रैवल न्यूज़: टूरिज्म और तीर्थयात्रा को मिलेगा बढ़ावा

ऋषिकेश को ‘योग की राजधानी’ कहा जाता है और यह चारधाम यात्रा का प्रवेश द्वार भी है। इस सीधी ट्रेन सेवा से अब दक्षिण भारत के श्रद्धालुओं और पर्यटकों को उत्तर भारत के धार्मिक स्थलों तक पहुंचना और भी आसान होगा।


रेलवे की यह नई पहल उत्तर-दक्षिण भारत को जोड़ने की दिशा में एक मजबूत कदम है। इससे यात्रियों को समय की बचत के साथ-साथ एक आरामदायक सफर भी मिलेगा। धार्मिक, सांस्कृतिक और पर्यटन के नजरिए से यह ट्रेन एक मील का पत्थर साबित हो सकती है।

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