भुवनेश्वर : ट्रेन हादसे के 95 दिन बाद भी 28 शवों की पहचान नहीं हो पायी है। ना किसी ने शवों की दावेदारी की है और ना ही मुआवजा के लिए कोई सामने आया है। अब अधिकारी भी मान चुके हैं कि शव की शिनाख्त के लिए शायद ही कोई पहुंचे। AIIMS भुवनेश्वर के मेडिकल सुपरिन्टेंडेंट दिलीप परिदा ने बताया कि हादसे के बाद अस्पताल में 162 शव लाए गए थे। इनमें से 134 शवों का DNA परिजन से मैच हो गया। इसके बाद शव उन्हें सौंप दिए गए।

उन्होंने कहा कि इसके लिए हमने 100 से ज्यादा DNA सैंपल जांच के लिए सेंट्रल फोरेंसिक साइंस लेबोरेट्री भेजे थे, लेकिन पिछले 10 दिनों से शवों की पहचान के लिए कोई नहीं आया है। मुझे लगता है कि अब कोई आएगा भी नहीं। ओडिशा के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास दुखद ट्रेन दुर्घटना के तीन महीने बीत जाने के बाद भी 28 यात्रियों के शवों की पहचान नहीं हो पाई है. एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

एम्स (भुवनेश्वर) के चिकित्सा अधीक्षक दिलीप परिदा ने बताया कि शवों को विशेष फ्रीजर में रखा गया है तथा उन्हें और अधिक समय तक संरक्षित रखा जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि कोई और दावेदार सामने नहीं आएगा क्योंकि पिछले 10 दिन में कोई नहीं आया है.”

अधिकारी ने बताया कि उच्च अधिकारियों से निर्देश मिलने के बाद शवों को सीबीआई को सौंप दिया जाएगा क्योंकि अब मामले की जांच उसी के हाथ में है.अधिकारी ने बताया कि एम्स भुवनेश्वर में दो चरणों में 162 शवों को पहुंचाया गया. उन्होंने बताया कि उनमें से 28 शव अज्ञात हैं और इनकी पहचान के लिए अब तक कोई नहीं आया है.

उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली में केंद्रीय फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला में डीएनए का मिलान करने के बाद शवों को दावेदारों को सौंपा था. अब भी 28 शव हमारे पास हैं. हम आगे की प्रक्रिया के लिए रेल मंत्रालय से निर्देश का इंतजार कर रहे हैं.”

पीड़ितों की पहचान के लिए अब तक 100 से अधिक डीएनए नमूने आनुवंशिक परीक्षण के लिए भेजे जा चुके हैं.बालासोर जिले के बाहानगा बाजार रेलवे स्टेशन के पास दो जून को तीन ट्रेनों की टक्कर में कम से कम 295 लोगों की जान चली गई थी और 1,200 से अधिक घायल हो गए थे।

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