ये वाटर प्लांट उगल रहा लाशें!हर महीने पहुंच रहीं 2–3 लाशें…2025 में अब तक 35 शव…खौफनाक रिपोर्ट ने उड़ाई नींद…

ये वाटर प्लांट उगल रहा लाशें!हर महीने पहुंच रहीं 2–3 लाशें…2025 में अब तक 35 शव…खौफनाक रिपोर्ट ने उड़ाई नींद…

Delhi News | नई दिल्ली: देश की राजधानी दिल्ली से एक ऐसी सच्चाई सामने आई है, जो रोंगटे खड़े कर देने वाली है। हैदरपुर वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट (WTP) अब सिर्फ पानी साफ करने का केंद्र नहीं रहा, बल्कि धीरे-धीरे लाशों का अड्डा बनता जा रहा है। पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 में अब तक यहां से 35 शव बरामद किए जा चुके हैं, जो पिछले चार सालों में सबसे ज्यादा हैं। हालात इतने भयावह हैं कि औसतन हर महीने 2 से 3 शव प्लांट तक पहुंच रहे हैं।

 ताजा मर्डर केस के बाद खुली डरावनी परत

इस सनसनीखेज खुलासे ने तब और दहशत फैला दी, जब हाल ही में 18 वर्षीय युवक अंकित की हत्या के मामले में दो किशोरों को गिरफ्तार किया गया। आरोप है कि हत्या के बाद शव को हैदरपुर प्लांट में फेंक दिया गया। इसके बाद पुलिस की जांच में इस खौफनाक सिलसिले की असली तस्वीर सामने आई।

 मुनेश नहर बन रही है लाशों का हाईवे

सीनियर पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, मुनेश (Munak) नहर हरियाणा से कच्चा पानी दिल्ली तक लाती है।

  • नहर के ज्यादातर हिस्सों में कोई फिल्ट्रेशन नेट नहीं

  • हरियाणा और दिल्ली के अलग-अलग इलाकों से बहकर शव सीधे हैदरपुर प्लांट तक पहुंच जाते हैं

करीब 102 किलोमीटर लंबी यह नहर हरियाणा के करनाल से निकलकर खुबरू और मंडोरा बैराज होते हुए हैदरपुर WTP पर खत्म होती है—और इसी रास्ते से बहकर आती हैं लाशें।

 35 में से 15 शव आज भी बेनाम

पानी में कई दिनों तक बहने की वजह से शव बुरी तरह गल जाते हैं।
पुलिस के अनुसार—

  • 2025 में मिले 35 शवों में से 20 की पहचान हो चुकी है

  • 15 शव अब भी अज्ञात हैं

इन मामलों में डूबने, बीमारी, आत्महत्या और हत्या—सब तरह की मौतें शामिल हैं।

 22 नवंबर का केस: हाथ-पैर बंधे, गर्दन में रूमाल

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, 22 नवंबर को मुनेश नहर में तैरता शव मिला।
जांच में खुलासा हुआ कि युवक की

  • गर्दन में रूमाल लिपटा था

  • हाथ-पैर बंधे थे

  • सिर पर तीन गंभीर चोटें थीं

इस मर्डर केस में पुलिस ने आशीष (23) और विशाल (23) को गिरफ्तार किया है।

 शवों की पहचान बन रही सबसे बड़ी चुनौती

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि कई हत्यारोपी शव को भारी चीजों से बांधकर पानी में फेंकते हैं ताकि वह ऊपर न आए।
पानी में ज्यादा समय रहने से

  • शव सड़ जाते हैं

  • पहचान लगभग नामुमकिन हो जाती है

  • पोस्टमॉर्टम और जांच बेहद मुश्किल हो जाती है

 हरियाणा को लिखा गया सख्त पत्र

दिल्ली पुलिस ने हरियाणा प्रशासन को पत्र लिखकर मांग की है कि
 नहरों में नेट और फिल्ट्रेशन सिस्टम लगाए जाएं
ताकि शव और कचरा हैदरपुर प्लांट तक न पहुंचे।

 सिर्फ लाशें नहीं, कचरे से भी जूझ रहा प्लांट

नहरों के जरिए सिर्फ इंसानी शव ही नहीं, बल्कि—

  • पशुओं के अवशेष

  • कचरा

  • धार्मिक आयोजनों का सामान

भी बहकर प्लांट तक पहुंचता है, जिसे रोकने के लिए यहां तीन स्तर की फिल्ट्रेशन नेट लगाई गई हैं।

 2022 से 2024 तक मिले थे 79 शव

पुलिस आंकड़ों के मुताबिक—

  • 2022 से 2024 के बीच 79 शव हैदरपुर प्लांट के आसपास मिले

  • शवों की पहचान, जांच और अंतिम संस्कार पुलिस के लिए लगातार चुनौती बना हुआ है

डीसीपी रोहिणी राजीव रंजन ने बताया कि समय पर शव निकालने और पहचान के लिए अलग से स्टाफ तैनात किया गया है।

 डराने वाला सवाल

जो पानी दिल्ली के लाखों लोगों तक पहुंचता है,
क्या उसी रास्ते से बहकर आ रही हैं लाशें?
हैदरपुर वॉटर प्लांट से सामने आई ये सच्चाई न सिर्फ सिस्टम पर सवाल खड़े करती है, बल्कि राजधानी की सुरक्षा और इंसानियत—दोनों को कटघरे में खड़ा कर देती है।

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