झारखंड में इस बार जलकर नहीं डूबकर मरेगा रावण, मौसम विभाग ने जारी कर दी दशहरा पर भीषण बारिश की चेतावनी, जानिये अष्टमी-नवमी पर कैसा रहेगा मौसम

झारखंड में इस बार रावण जलकर नहीं, डूबकर मरेगा। दरअसल इस बार मौसम ने कुछ ऐसा कहर बरपा रखा है कि आयोजकों के होश उड़े हुए हैं। झारखंड में इन दिनों दुर्गापूजा की धूम है, लेकिन कई जगहों पर रह-रहकर हो रही बारिश लोगों की खुशियों में खलल डाल रही है। मौसम विभाग ने दशहरा तक राज्य में हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात की संभावना जताई है।
पूजा पंडालों के पट खुलते ही श्रद्धालु बड़ी संख्या में देवी के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। जगह-जगह मेले लग रहे हैं, रोशनी और सजावट से पूरा शहर सजा हुआ है। षष्ठी की शाम से ही श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है और सप्तमी से दशमी तक भीड़ और बढ़ने की संभावना है। हालांकि, इस भक्ति और उल्लास के बीच मौसम बार-बार अड़चन डाल रहा है। इस साल झारखंड में सामान्य से अधिक बारिश हुई है और अब लोग मजाक में कह रहे हैं – “बस करो बारिश”। बावजूद इसके श्रद्धालु छाता और रेनकोट लेकर पूजा पंडालों में दर्शन करने पहुंच रहे हैं।
नवमी तक भारी बारिश की संभावना नहीं
रांची मौसम केंद्र के अनुसार, 29 सितंबर को राज्य के कई जिलों – पश्चिमी सिंहभूम, पूर्वी सिंहभूम, सरायकेला-खरसांवा, सिमडेगा, रांची, बोकारो, गुमला, खूंटी, रामगढ़, कोडरमा, हजारीबाग और धनबाद – में हल्की से मध्यम बारिश और वज्रपात की संभावना है। वहीं 30 सितंबर और 1 अक्टूबर को भी कुछ जिलों में हल्की बारिश के साथ मेघगर्जन हो सकता है। अच्छी बात यह है कि नवमी तक राज्य में कहीं भी भारी बारिश की संभावना नहीं है।
दशहरा पर मौसम की मार
दशहरा का झारखंड में विशेष महत्व है। रांची के मोरहाबादी मैदान और अरगोड़ा चौक ग्राउंड में होने वाले रावण दहन में बड़ी भीड़ जुटती है और खुद मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में शामिल होते हैं। इस दिन ग्रामीण इलाकों से भी हजारों लोग रांची पहुंचते हैं।मौसम विभाग का कहना है कि दशहरा के दिन यानी 2 अक्टूबर को राज्य के कुछ जिलों – देवघर, दुमका, गिरिडीह, गोड्डा, जामताड़ा, पाकुड़ और साहिबगंज – में भारी बारिश की संभावना है। इसके अलावा 30 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से तेज हवाएं चल सकती हैं और वज्रपात का भी खतरा बना रहेगा।
दशहरा के अगले दिन और बढ़ेगा खतरा
3 अक्टूबर को राज्य के उत्तर-पूर्वी और उत्तरी-मध्य हिस्सों में भारी बारिश के आसार हैं। वहीं 4 अक्टूबर को भी उत्तर-पूर्वी जिलों में तेज बारिश होने की संभावना जताई गई है। इसका असर मूर्ति विसर्जन पर भी पड़ सकता है।कुल मिलाकर, इस बार नवरात्र और दशहरा में श्रद्धालुओं को मौसम की मार झेलनी पड़ सकती है। हालांकि, लोग अब मन बना चुके हैं कि चाहे बारिश हो या तेज हवाएं, त्योहार की खुशियां फीकी नहीं पड़ने देंगे।