इंसानी दिमाग का सूप पीने का आरोपी सीरियल किलर राजा कोलंडर को उम्रकैद…हैवानियत की हदें पार कर चुका है ये शख्स!

Serial killer Raja Colander, accused of drinking human brain soup, has been sentenced to life imprisonment. This man has crossed all limits of brutality!

लखनऊ हाईकोर्ट ने आदमी को मारकर इंसानी भेजे का सूप पीने वाले सिरियल किलर कोलंदर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बीते समोवार को कोर्ट ने राजा कोलंदर को दोषी करार दिया था.

जानकारी के अनुसार, करीब 25 साल पुराने केस में अदालत ने सजा सुनाई है.  हाईकोर्ट ने ढाई लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है. राजा कोलंदर का नाम 14 हत्याओं के केस में शामिल था.

राजा कोलंदर तक कैसे पहुंची पुलिस?

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, साल 2000 में एक पत्रकार की हत्या के बाद यह मामला सामने आया. पत्रकार के घरवालों ने हत्या का संदेह जताया. मामले की जांच हुई तो पुलिस जिला पंचायत सदस्य फूलन देवी के घर पहुंची.जहां तलाशी में धीरेंद्र सिंह का सामान मिला और फूलन के पति राजा कलंदर ने अपना गुनाह कबूल कर लिया. इसके बाद तलाशी में घर से कई नरमुंड मिले. धीरेंद्र की गाड़ी और अन्य सामान मिले.

बता दें कि 1998 में उसने पहली हत्या की और यह सिलसिला 2000 में पत्रकार धीरेंद्र की हत्या तक चला.

14 नरमुंडों का भी किया था खुलासा

धीरेंद्र की लाश की निशानदेही भी राजा कलंदर ने की थी. राजा कलंदर ने अपने घर में गाड़े गए 14 नरमुंडों का भी खुलासा किया. असल में राजा कलंदर ने पत्रकार धीरेंद्र को पिपरी फार्महाउस पर बुलाया, पीछे से उसके साले वक्षराज ने धीरेंद्र को गोली मार दी.

जानकारी के अनुसार, धीरेंद्र की लाश को दोनों टाटा सूमो में लादकर मध्य प्रदेश ले गए. वहां एक खेत में शरीर के टुकड़े कर खेत में गाड़ दिए. सिर को पालिथीन में लपेटकर रीवां के बाणसागर तालाब में फेंक दिया.

कलंदर ने धीरेंद्र की बाइक अपने समधी को और जूते साले को दे दिए. अदालत के सामने रखे गए सबूत बताते हैं कि वह सनकी सीरियल किलर था. वह अपने दुश्मनों की गला काटकर बेरहमी से हत्या करता और उनके नरमुंड रख लेता था. इसी तरह उसने 14 हत्याएं अंजाम दीं.

हत्याओं के पीछे क्या था मकसद

हत्याओं के पीछे उसका मकसद था अपने दुश्मनों को सबक सिखाना और दिमागी ताकत बढ़ाना. इसके लिए वह इंसान के दिमाग को उबालकर उसका सूप पीता. लाश के हिस्से वह अपने फार्महाउस में सुअरों के सामने फेंक देता. कुछ हिस्से उसने मध्य प्रदेश और यूपी के जंगलों और नदियों में फेंके. शिकार हुए लोगों की खोपड़ियों को वह फार्महाउस के पेड़ पर टांग देता.

डयरी से मिले थे कई सबूत

जाति के मुताबिक इन खोपड़ियों पर नाम लिखकर उन्हें रंगता था और फिर उन्हें सामने रख उनकी अदालत लगाता और उन्हें सजा सुनाता. पुलिस को राजा कलंदर से एक डायरी भी मिली थी, जिसे वह अदालती डायरी कहता था. इसमें उन लोगों के नाम दर्ज थे, जिन्हें वह कत्ल कर चुका था या करना चाहता था.

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