झारखंड OPS न्यूज: हेमंत सरकार के इस एक फैसले से कर्मचारियों व पेंशनर्स की हो जायेगी बल्ले-बल्ले, जानिये किस तरह से होगा फायदा …
Jharkhand OPS News: This one decision of Hemant government will be a boon for the employees and pensioners, know how they will benefit...

Jharkhand OPS News: हेमंत सरकार के बजट में हुए एक फैसले से प्रदेश के लाखों कर्मचारी व पेंशनर्स पर प्रभाव पड़ेगा। दरअसल सोमवार को विधानसभा में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि झारखंड के कर्मचारियों के सेवानिवृत्त होने पर आर्थिक जोखिमों से दूर कर उन्हें एक सुरक्षित आर्थिक स्रोत सुनिश्चित करने के लिए पुरानी पेंशन योजना का वित्तीय भार कम करने के दृष्टिकोण से पेंशन फंड का गठन किया है।
इसके लिए वर्ष 2023-24 में 700 करोड़ रुपये और 2024-25 में 780 करोड़ रुपये पेंशन कोष में निवेश किया गया। वित्त वर्ष 2025-26 में 832 करोड़ रुपये का निवेश के लिए बजट प्रस्तावित है। इस फैसले से झारखंड में कार्यरत 1.62 लाख से अधिक सरकारी कर्मचारियों और लाखों को सेवानिवृत्त पेंशनभोगी सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा। सरकार ने पुरानी पेंशन योजना पर करीब 832 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रावधान किया है।
सरकार की पुरानी पेंशन योजना से झारखंड को करीब 1,62,931 सरकारी कर्मचारियों को फायदा होगा. इसके अलावा, सरकार के इस कदम से करीब 1.58 से अधिक पेंशनभोगी सरकारी कर्मचारियों को भी फायदा होगा। वित्तीय वर्ष 2024-25 में, झारखंड सरकार में स्वीकृत पदों की कुल संख्या 3,26,049 थी, जिनमें से 1,58,846 पद रिक्त थे और 1,67,203 पदों पर कर्मचारी कार्यरत थे। राज्य सरकार ने 1 मार्च 2025 से कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू की है। इससे 1,62,931 कर्मचारियों और उनके आश्रितों को लाभ मिलेगा।
पुरानी पेंशन योजना भारत में सरकारी कर्मचारियों के लिए एक रिटायरमेंट बेनिफिट स्कीम है। केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 से इसे बंद कर दिया है और उसकी जगह नई पेंशन योजना (एनपीएस) को लागू किया है, लेकिन झारखंड में पुरानी पेंशन योजना अब भी लागू है। पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को अपने वेतन से कोई योगदान नहीं देना पड़ता है।
सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को अंतिम वेतन का 50% पेंशन के रूप में मिलता है। इसके अलावा, पेंशनधारकों को महंगाई भत्ते (डीए) में होने वाली बढ़ोतरी का लाभ मिलता है। कर्मचारी की मौत के बाद उनके आश्रितों को पेंशन मिलती है और कर्मचारी को जीवनपर्यंत पेंशन मिलती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति स्थिर रहती है।