रांची। झारखंड के यूनिवर्सिटी व कालेज के शिक्षक व कर्मचारियों को जल्द प्रमोशन का लाभ मिल सकता हैं। 12 साल के इंतजार के बाद अब पदोन्नति का रास्ता खुलता दिख रहा है। वहीं, कर्मचारियों को सातवें वेतनमान का भी लाभ देने को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव भेजा गया है। वित्त विभाग की स्वीकृति के बाद उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने सातवें वेतनमान का प्रस्ताव कैबिनेट को भेज दिया है।

सातवें वेतनमान का लाभ एक जनवरी 2016 से मिलेगा, जबकि वास्तविक लाभ अधिसूचना जारी होने की तिथि से मिलेगा। 1 दिसंबर की बैठक में इस पर मुहर लग सकती है। यूनिवर्सिटी व कालेजों में प्रमोशन को लेकर यूजीसी रेगुलेशन-2010 का प्रस्ताव लागू करने को लेकर परिनियम का प्रस्ताव कैबिनेट  भेजा गया है। आपको बता दें कि झारखंड में 22 सितंबर 1995 तक कालबद्ध प्रोन्नति योजना लागू थी, जिसका कट आफ डेट 23 सितंबर 1995 तक था।

इसके बाद 1995 से 27 जुलाई 1998 तक एक भी प्रोन्नति परिनियम नहीं गठित नहीं हुआ जिससे 1981-82 में नियुक्त हुए शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल सकी। राज्य सरकार ने 27 जुलाई 1998 के प्रभाव से जुलाई 2008 में करियर एडवांसमेंट स्कीम लागू किया लेकिन 31 दिसंबर 2008 को उसे खत्म भी कर दिया। जिसके बाद से ही शिक्षकों को प्रोन्नति नहीं मिल पा रही थी।कैबिनेट की मुहर लगी तो सात हजार कर्मियों के अलावे 1200 रिटायर कर्मचारियों को भी इसका लाभ मिलेगा।

कर्मचारियों के सातवें वेतनमान में 2016 से अब तक की बकाया राशि भुगतान में किसी प्रकार के भत्ते (एचआरए आदि) को शामिल नहीं किया जाएगा, जबकि सातवां वेतनमान राज्य कर्मियों की तरह हर कर्मचारी के बेसिक व डीए के 2.57 गुना के आधार पर तय किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक इससे छठे वेतनमान के आधार पर हर कर्मी को लगभग 20 से 25 प्रतिशत राशि की बढ़ोतरी का लाभ मिलेगा।

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