पटना। बिहार में शिक्षक भर्ती नियमावली में फिर से बदलाव हो सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस बात के संकेत दिये हैं। स्कूली शिक्षकों की नियुक्ति के लिए बनी नई शिक्षा नियमावली में सुधार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार के सहयोगी दलों से विमर्श करेंगे। उन्होंने कहा कि वामदलों को बिहार लोकसेवा आयोग के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इससे उन शिक्षकों को अलग रखा जाना चाहिए जो वर्षों से सेवारत हैं।

15-20 साल तक पढ़ा चुके शिक्षकों को परीक्षा में शामिल होने के लिए बाध्य करना उचित नहीं है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि विधानसभा के मॉनसून सत्र के समापन के बाद इस विषय पर वे सहयोगी दलों से बातचीत करेंगे। सत्र 14 जुलाई तक चलेगा। उन्होंने कहा कि बड़े स्तर पर शिक्षकों की नियुक्ति होने जा रही है।

इससे राज्य को बड़ा लाभ मिलेगा। बता दें कि शिक्षकों की नियुक्ति नियमावली में संशोधन की मांग पर भाजपा 13 जुलाई को विधानमंडल के सामने प्रदर्शन करेगी। व्यवहारिक परेशानी यह होती है कि सहयोगी दल सरकार के महत्वपूर्ण निर्णयों से अवगत नहीं रहते हैं और आम लोग जब उनसे उसके बारे में कुछ पूछते हैं तो जवाब देने में दुविधा होती है।

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