रांची। हेमंत सरकार से कर्मचारी बेहद नाराज हैं। नाराजगी का आलम ये है कि एक के बाद एक कर्मचरी संगठन अब हड़ताल पर उतरने जा रहे हैं। अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मी तो नियमितिकरण की मांग को लेकर हड़ताल पर बैठे है ही, अब राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के तहत कार्यरत सहिया ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। सहिया भी 23 जनवरी से हड़ताल पर चली जाएंगी। झारखंड प्रदेश स्वास्थ्य सहिया संघ ने इसे लेकर शुक्रवार को मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री तथा स्वास्थ्य सचिव के नाम ज्ञापन सौंपा।

सहिया की मांगों में दो हजार प्रोत्साहन राशि की जगह 18 हजार रुपये मासिक मानदेयक, ईपीएफ भुगतान तथा नियमावली लागू कर सरकारी कर्मी का दर्जा देने आदि शामिल हैं। संघ ने अपने ज्ञापन में कहा कि वे टीकाकरण से लेकर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य के अलावा राष्ट्रीय स्वास्थ्य अभियान के सभी कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी निभाते हैं, लेकिन उन्हें महज दो हजार रुपये प्रोत्साहन राशि मिलती है। इससे उनका जीवन यापन मुश्किल होता है।

अनुबंध स्वास्थ्यकर्मियों की हड़ताल जारी


स्थायीकरण को लेकर आंदोलनरत पारामेडिकल कर्मियों की हड़ताल शुक्रवार को भी जारी रही। प्रदर्शनकारियों का इनका राजभवन के समक्ष धरना-प्रदर्शन भी जारी है। अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों का प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रविंद्र महतो से मिला। विधानसभा अध्यक्ष के साथ हुई बातचीत में प्रतिनिधिमंडल को साकारात्मक रूख देखने को मिला। अध्यक्ष ने डेलीगेशन को आश्वस्त किया कि नियमितिकरण मांगों को लेकर वो मुख्यमंत्री से शनिवार को बातचीत करेंगे।

इधर मुलाकात के दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने संविदाकर्मियों के नियमितिकरण की मांगों पर सहमति जताते हुए कहा कि वो उनकी प्रमुख मांगों के मसले पर स्वास्थ्य मंत्री और विभाग के सचिव से भी चर्चा करेंगे। विधानसभा अध्यक्ष के सकारात्मक रूख के बाद अब अनियमित स्वास्थ्यकर्मियों में उम्मीद बंधी है कि उनकी मागें सरकार तक मजबूती के साथ पहुंचेगी और उनकी मांगों पर सरकार विचार भी करेगी।

अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों का प्रतिनिधिमडंल आज विधायक मथुरा महतो से भी मिला और उनसे नियमितिकरण के संदर्भ में चर्चा की। मथुरा महतो ने भी आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को सरकार के सामने रखेंगे। आपको बता दें कि 17 जनवरी से स्वास्थ्यकर्मी हड़ताल पर हैं। अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों के हड़ताल में जाने की वजह से स्वास्थ्य बुरी तरह से चौपट हो गयी है। प्रदेश के अधिकांश अस्पतालों में व्यवस्थाएं ठप है। डिलेवरी से लेकर जांच तक का काम स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं हो पा रहा है। वहीं कोरोना के जांच में काफी असर पड़ा है। हालांकि आज विधानसभा अध्यक्ष की पहल के बाद अनुबंधित स्वास्थ्यकर्मियों को उम्मीद बंधी है कि उनके संघर्ष को जल्द मुकाम मिलेगा।

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