पलामू। जिले के उपायुक्त ए दोड्डे के आदेश को भी किस कदर नजर अंदाज किया जाता है इसका ताजा उदाहरण देखने को मिल रहा है की पांच दिन बीत जाने के बाद भी मेदिनीनगर सदर प्रखंड की कौड़िया के पंचायत सचिव फतेह अहमद पर कार्रवाई नहीं हुई है. बता दें कि गत शुक्रवार 12 मई को उपायुक्त के सप्ताहिक जनता दरबार में कौड़िया पंचायत की महिला स्वयंसेवक ने पंचायत सचिव पर किसी काम के एवज में उससे 50 हजार रूपए लेने का आरोप लगाया थे, लेकिन लौटाने में आनाकानी कर रहे हैं. साथ ही जब भी पैसों की मांग करती हूं तो पंचायत सचिव उसे मानसिक रूप से परेशान करते हैं. साथ ही स्वयंसेवक पद से हटाने की भी धमकी देते हैं. महिला स्वयंसेवक ने पंचायत सचिव पर बुरी नजर रखने का भी आरोप लगाया था।

उपायुक्त ने सस्पेंड करने का दिया था आदेश

शिकायत सुनने पर उपायुक्त ने तत्काल एक्शन लेते हुए पंचायत सचिव को उसी दिन शाम तक निलंबित करने का निर्देश जारी किया था. मामला तब और गंभीर हो गया जब सदर प्रखंड के बीडीओ अमिताभ भगत ने मंगलवार को जानकारी दी कि पंचायत सचिव को निलंबित करने के संबंध में उपायुक्त कार्यालय से किसी तरह का कोई पत्र अबतक नहीं मिला है।

महिला ने विभाग पर लगाया पंचायत सचिव को बचाने का आरोप

महिला स्वयंसेवक ने विभाग पर आरोप लगाया कि उसकी शिकायत के बाद से लगातार पंचायत सचिव को बचाने की कोशिश की जा रही है. पूर्व में आवेदन देने के बावजूद कई दिनों तक उसे दबाए रखा गया. अब उपायुक्त स्तर से कार्रवाई होने के बाद पुनः पंचायत सचिव को पंचायती राज विभाग बचाने की कोशिश कर रहा है. महिला स्वयंसेवक ने कहा कि वह लगातार प्रताड़ना झेल रही हैं.

महिला ने बताया की पांच दिन बीत जाने के बाद भी कार्रवाई नहीं होने पर अब आत्महत्या कर लेंगी. DDC रवि आनंद ने कहा की उपायुक्त कार्यालय से पत्र प्राप्त होते हीं उन्होंने आदेश जारी कर दिया था। इधर उपायुक्त कार्यालय का भी कहना है की निलंबन संबंधी आदेश जारी कर दिया गया है

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