33 फीट लंबा..210 टन भारी…आ रहा है दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग…विराट रामायण मंदिर में होगा स्थापित…
महाबलीपुरम से बिहार तक 25 दिन का ऐतिहासिक सफर, मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलेगा दुनिया का सबसे बड़ा शिवलिंग।

बिहार के पूर्वी चंपारण (चकिया) में बन रहे विराट रामायण मंदिर के लिए एक ऐतिहासिक क्षण आ गया है। दुनिया के सबसे बड़े शिवलिंगों में शामिल यह विशाल शिवलिंग अब तमिलनाडु के महाबलीपुरम से बिहार के लिए रवाना हो चुका है।
शिवलिंग का आकार और विशेषताएँ
ऊंचाई: 33 फीट
चौड़ाई: 33 फीट
वजन: 210 मीट्रिक टन
निर्माण लागत: करीब 3 करोड़ रुपये
सामग्री: विशाल ग्रेनाइट पत्थर
इस महाशिवलिंग को 96 चक्कों वाले विशेष ट्रांसपोर्टर ट्रक पर लादकर बिहार भेजा जा रहा है। सड़क मार्ग से ऐसे भारी धार्मिक ढांचों का परिवहन एक बड़ी इंजीनियरिंग चुनौती माना जाता है।
पूजा-अर्चना और विदाई
शिवलिंग को रवाना करने से पहले महाबलीपुरम के पट्टीकाडु गांव में पारंपरिक वैदिक विधि-विधान से पूजा की गई। स्थानीय लोगों ने इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बनकर शिवलिंग को विदाई दी।
20-25 दिन का लंबा सफर
शिवलिंग का बिहार तक सफर लगभग 20-25 दिन का होगा। यात्रा मार्ग में ये शहर शामिल हैं:
महाबलीपुरम → होसुर → होसाकोट → देवनाहाली → कुरनूल → हैदराबाद → निजामाबाद → अदिलाबाद → नागपुर → सीवनी → जबलपुर → मैहर → सतना → रीवा → मिर्जापुर → आरा → छपरा → मसरख → मोहम्मदपुर → केसरिया → चकिया (मोतिहारी)
रास्ते में कई शहरों में लोग इस विशाल शिवलिंग के दर्शन कर सकेंगे।
विराट रामायण मंदिर: भारत का नया गौरव
चकिया में बन रहे मंदिर की भव्यता भी ध्यान आकर्षित करती है:
क्षेत्रफल: 115 एकड़
लंबाई: 1080 फीट
चौड़ाई: 540 फीट
मुख्य शिखर की ऊंचाई: 270 फीट
कुल शिखर: 18
कुल मंदिर: 22
मंदिर के प्रवेश द्वार, सिंह द्वार, गणेश स्थल, नंदी और गर्भगृह की पाइलिंग जैसे महत्वपूर्ण निर्माण कार्य पूरे हो चुके हैं। निर्माण कार्य महावीर मंदिर ट्रस्ट द्वारा कराया जा रहा है।
स्थापना का लक्ष्य
निर्माण कंपनी के संस्थापक विनायक वेंकटरमण के अनुसार फरवरी 2026 तक यह भव्य शिवलिंग मंदिर परिसर में स्थापित कर दिया जाएगा। यह स्थापना मंदिर को वास्तु और धार्मिक दृष्टि से और भी भव्य बनाएगी






