नई दिल्ली : पहली भारतीय इंट्रानेजल वैक्सीन 26 जनवरी को लांच किया जाएगा। कंपनी के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने शनिवार को कहा कि स्वदेशी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक 26 जनवरी को भारत में अपनी तरह की पहली इंट्रानेजल कोविड 19 वैक्सीन लांच करेगी।

दुनिया भर में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच केंद्र सरकार ने 23 दिसंबर 2022 को भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन को मंजूरी दी थी। यह वैक्सीन बूस्टर डोज के तौर पर लग सकेगी। नेजल वैक्सीन शुरुआत में प्राइवेट अस्पतालों में लगेगी। इस वैक्सीन को लेकर सरकार ने भारत के कोविड-19 वैक्सीनेशन प्रोग्राम में भी शामिल किया है। इससे पहले भारत की औषधि महानियंत्रक DCGI ने भारत बायोटेक इंट्रानेजल कोविड वैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी दे दी थी।

कैसे इस्तेमाल होती है नेजल वैक्सीन

यह वैक्सीन नाक के जरिए इस स्प्रे करके दी जाती है। डीसीजीआई ने कोविड वैक्सीन को 18 साल से ऊपर के लोगों के लिए मंजूरी दी है। भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का नाम BBV154 है।

कैसे काम करती है नेजल वैक्सीन

कोरोना समेत ज्यादातर वायरस म्यूकोसा के जरिए शरीर में जाते हैं। म्यूकोसा नाक, फेफड़ों, पाचन तंत्र में पाए जाने वाला चिपचिपा पदार्थ होता है। नैजेल वैक्सीन सीधे म्यूकोसा में हीं इम्यून रिस्पांस पैदा करती है जबकि मस्कुलर वैक्सीन ऐसा नहीं कर पाती। एम्स के पूर्व डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी बताया था कि नजर वैक्सीन बेहतर है क्योंकि इन्हें लगाना ज्यादा आसान है। और ये म्यूकोसा में ही इम्यूनिटी बना देता है जिससे संक्रमण से शुरुआत में ही बचा जा सकता है।

कौन लगवा सकता है वैक्सीन

यह वैक्सीन अभी 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के लोगों को ही लगाई जाएगी। 12 से 17 साल के बच्चों का भी वैक्सीनेशन चल रहा है, लेकिन वे इसे नहीं लगा सकते। दूसरी बात यह कि इसे बूस्टर डोज के तौर पर लगाया जाएगा। यानी जो लोग दो डोज लगव चुके हैं वहीं यह वैक्सीन लगवा सकते हैं। हालांकि इसे प्राइमरी वैक्सीन की मंजूरी भी मिली है, यानि, अगर कोई भी वैक्सीन नहीं ली है तो भी इसे लगवा सकते हैं।

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